जुमला मात्र ही लगता है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा: लक्ष्य
लक्ष्य की लखनऊ टीम ने लक्ष्य युथ कमांडर कंचन नैना व लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या के नेतृत्व में दिल्ली व सीतापुर की घटनाओं को लेकर ” बेटियों के सम्मान में, लक्ष्य है मैदान में” के विषय पर एक चर्चा का आयोजन लखनऊ के मलिहाबाद में किया तथा चर्चा के बाद एक कैंडल मार्च भी निकाली गई | कैंडल मार्च में बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर लक्ष्य कमांडरों का आक्रोश साफ झलक रहा था
चारों ओर बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार और उनकी रोकथाम में शासन प्रशासन की उदासीनता को देखकर ऐसा लगता है कि देश में विकृत मानशिकता वाले लोगों को कानून का कोई डर नहीं है | दिल्ली व सीतापुर की मासूम बेटियों के साथ बलात्कार तथा उनकी निर्मम हत्या इस बात की गवाह है |
ज्यादातर ऐसे मामलों में शासन प्रशासन अपनी किरकरी से बचने के लिए उनको दबाती सी नज़र आती है, बड़े बड़े पुलिस अधिकारी मामले को रफादफा करने के लिए बलात्कार से इंकार करते है। जोकि बाद में मेडिकल रिपोर्ट में सिद्ध होता है कि उनके साथ बलात्कार हुआ है ऐसे में सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा मात्र जुमला ही लगता है। यह बात लक्ष्य कमांडरों ने अपनी चर्चा के दौरान कही |
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के नारे को चरितार्थ करने की इच्छा शक्ति दिखाएं |
इस सामाजिक चर्चा में लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या, संघमित्रा गौतम, कंचन नैना, सुमन बौद्ध, विमलेश चौधरी, रेखा कुमारी, शांति गौतम, सपना बौद्ध, मंजुला आनंद, वर्तिका गौतम, सुमन लता, लक्ष्य युथ कमांडर विनय प्रेम, राहुल कुमार, रवि चौधरी, अभिषेक गौतम (प्रधान) विनोद चौधरी, विशाल सिंह, शैलेन्द्र कुमार, कुलदीप बौद्ध, ऋषभ, अंकुश गौतम आदि ने हिस्सा लिया |