• युवाओं के रोज़गार कौशल में सुधार लाने और उन्हें एक समान अवसर प्रदान करना उद्देश्य
  • एनआईआईटी फाउन्डेशन होगा पहला साझेदार संगठन; छात्रों को 100 फीसदी प्लेसमेन्ट सहयोग दिया जाएगा

मुंबईः ऑनलाईन गेमिंग (online gaming) में अग्रणी और उद्योग जगत के दिग्गज ज़ूपी (Zupee) ने अपनी स्किलिंग एकेडमी (skilling academy) के लॉन्च की घोषणा की है, जो देश के युवाओं को रोज़गार में कौशल प्रदान कर उनके लिए एक समान अवसरों को सुनिश्चित करेगी। ज़ूपी स्किल एकेडमी एक निगम द्वारा पेश की गई अपनी तरह की पहली एकेडमी है, जो वंचित भारतीय युवाओं को स्किलिंग, अपस्किलिंग एवं शिक्षा प्रदान करेगी। इन युवाओं को कौशल प्रशिक्षण द्वारा भविष्य के लिए तैयार करना इस एकेडमी का मुख्य उद्देश्य है, जहां यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले हर उम्मीदवार को रोज़गार के एक समान अवसर मिलें।

इस मिशन की शुरूआत के लिए ज़ूपी ने अग्रणी एनजीओ एनआईआईटी फाउन्डेशन (NIIT Foundation) के साथ हाथ मिलाया है। इस साझेदारी के तहत मुंबई के युवाओं के लिए अनूठा सीएसआर व्यवसायिक कौशल प्रोग्राम लॉन्च किया जाएगा, जो उन्हें प्रविष्टी स्तर की नौकरियों के लिए तैयार करेगा। ज़ूपी-एनआईआईटी फाउन्डेशन के इस प्रोग्राम में डिजिटल मार्केटिंग (digital marketing) में सर्टिफिकेशन प्रशिक्षण शामिल होगा। प्रतिभागियों को कई महत्वपूर्ण अवधारणाओं जैसे सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन, रनिंग सर्च ऐड, सोशल मीडिया मार्केटिंग एवं एनालिटिक्स आदि में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ये सभी प्रशिक्षण युवाओं को भावी नौकरियों के लिए तैयार करेंगे।

‘हमें ज़ूपी स्किल एकेडमी का लॉन्च करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जो हमारे तीन मुख्य सिद्धान्तों-स्थायित्व एवं ईएसजी, स्किलंग एवं अपस्किलिंग द्वारा एक समान अवसर और कल्याण के लिए टेक्नोलॉजी एवं गेमिंग- पर आधारित सीएसआर दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा है। हमें खुशी है कि एनआईआईटी फाउन्डेशन ज़ूपी स्किलिंग एकेडमी के लिए हमारा पहला साझेदार है। यह सीएसआर पहल लक्षित युवाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाकर उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाएगी, समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगी। ऑनलाईन गेमिंग स्पेस में दिग्गज होने के नाते ज़ूपी गेमीफिकेशन का उपयोग शिक्षा एवं कौशल में करना चाहता है और लर्निंग के परिणामों को बेहतर बनाना के लिए तत्पर है। एनआईआईटी फाउन्उेशन के साथ इस साझेदारी के माध्यम से हम ऐसे सर्टिफिकेशन कोर्सेज़ उपलब्ध कराएंगे जो मुंबई में सीमांत वंर्गों के युवाओं को तैयार कर रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगे। इस साझेदारी को लेकर हम बेहद उत्सुक हैं, क्योंकि यह समाज में बड़े, बहु-प्रतीक्षित एवं सकारात्मक बदलाव ला सकती है।’ डॉ सुबी चतुर्वेदी( Dr. Subi Chaturvedi) , कॉर्पोरेट एण्ड पब्लिक अफे़यर्स ऑफिसर, ज़ूपी ने कहा।

साझेदारी के बारे में बात करते हुए सपना मॉडगिल (Sapna Moudgil) , डायरेक्टर, एनआईआईटी फाउन्डेशन ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि ज़ूपी हमारे सीएसआर पार्टनर के रूप में हमसे जुड़ने जा रहा है। इस पहल में एक हाइब्रिड मॉडल शामिल होगा, जो हमारे लर्निंग मैनेजमेन्ट सिस्टम एवं को-क्यूरेटेड प्रोग्राम के ज़रिए छात्रों को प्रशिक्षण मोड्यूल्स, ऑडियो-विज़ुअल मीडिया, ई-बुक्स एवं पाठ्यक्रम पर आधारित अन्य अध्ययनएवं परीखा सामग्री उपलब्ध कराएगा। प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने और सर्टिफिकेशन के बाद हम हर युवा को प्लेसमेन्ट में 100 फीसदी सहयोग देंगे, और यह सुनिश्चित करेंगे कि हर प्रतिभागी को उसके क्षेत्र में उचित नौकरी मिले।’

युवाओं को नई नौकरियों के लिए कौशल प्रदान करना एक विश्वस्तरीय मुद्दा बन चुका हैं युनाईटेड नेशन्स के मुताबिक 2030 तक, 4.9 बिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में रहते होंगे और कुशल नौकरियों पर निर्भर होंगे। नई तकनीकों के साथ अगली ओद्यौगिक क्रान्ति के मद्देनज़र यह ज़रूरी है कि युवाओं को इसके लिए तैयार किया जाए। आने वाले समय में डिजिटल मार्केटिंग से लेकर मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन तक के लिए कुशल मैनपावर सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि लर्निंग के पारम्परिक तरीके आने वाले समय में छात्रां को इन नौकरियों के लिए तैयार नहीं कर सकेंगे। ज़ूपी अपनी स्किलिंग एकेडमी के माध्यम से, गेम-आधारिक लर्निंग प्रोग्राम का निर्माण करना चाहता है, जो युवाओं को रोचक तरीकों से ये कौशल सिखा सकें। यह साबित हो गया है कि गेम-आधारित लर्निंग, हमेशा से छात्रों को ज़्यादा प्रेरित करती है और लर्निंग के पारम्परिक तरीकों की तुलना में बेहतर होती है। ऐसे में यह साझेदारी उम्मीदवारों के लिए बेहद फायदेमंद होगी। अधिकतम कवरेज को सुनिश्चित करने के लिए ज़ूपी कई चैरिटी संस्थानों, ट्रस्ट्स एवं कौशल संगठनों के साथ साझेदारियां करेगा, ताकि लनिंग एवं शिक्षा के क्षेत्र में इस बदलाव को सुगम बनाया जा सके।

ज़ूपी स्किलिंग एकेडमी एक सतत, स्थायी दीर्घकालिक परियोजना है जो शिक्षा, लर्निंग एवं कौशल के पारम्परिक तरीकों में बड़े बदलाव लेकर आएगी। देश के आधुनिक तकनीकों के लिए प्रतिभा के हब के रूप में स्थापित करना इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य है, ठीक उसी तरह जैसे 2000 के दशक में आईटी एवं आईटीईएस कंपनियां युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर रही थीं, अब ये प्रयास भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन में मजबूती से स्थापित करने में योगदान देंगे। हम माननीय प्रधानमंत्री जे के पूर्णतया कनेक्टेड एवं सशक्त डिजिटल भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में प्रतिबद्ध हैं।