टीम इंस्टेंटखबर
कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रान पर अब UK के वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी आई है जो बड़ी भयावह है. स्टडी में चेतावनी दी गई है कि अगर सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय नहीं किए गए तो अगले साल अप्रैल तक UK में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से 25,000 से 75,000 मौतें हो सकती हैं. ये स्टडी लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका के स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है.

स्टडी के मुताबिक अन्य देशों की तुलना UK में ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से फैल रहा है. यहां हर दिन इस वैरिएंट के 600 से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि ये मामले इससे कहीं और ज्यादा हो सकते हैं. स्टडीज के मुताबिक, सबसे अच्छी स्थिति में अगर हम मान लें कि इम्यून से ओमिक्रॉन के बचने की क्षमता कमजोर हो और बूस्टर की हाई डोज प्रभावी हो तो उसके बाद अस्पताल में लोगों के भर्ती होने की दर 60 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है.

स्टडी में कहा गया है, ‘साक्ष्यों से पता चलता है कि इंग्लैंड में Omicron B.1.1.1.529 वैरिएंट की वजह से SARS-CoV2 तेजी से फैलेगा. अगर सख्त उपाय नहीं किए गए तो अल्फा की तुलना में इसके मामले अधिक क्षमता के साथ बढ़ेंगे. ऐसा अंदाजा ओमिक्रॉन की तेजी से फैलने की क्षमता और इम्यूनिटी से बचने की वजह से लगाया जा रहा है.

ब्रिटिश एक्सपर्ट्स के मुताबिक आने वाले समय में हर किसी के लिए ये वैरिएंट एक बड़ी चुनौती बनने वाला है. दक्षिण अफ्रीका और UK के डेटा के मुताबिक ये वैरिएंट बच्चों को ज्यादा शिकार बना रहा है. अब यहां जो बच्चे आ रहे हैं उनमें मध्यम से लेकर गंभीर लक्षण देखे जा रहे हैं. इन्हें ऑक्सीजन, सपोर्टिव थेरेपी और ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहने की जरूरत पड़ रही है. वो पहले की तुलना में ज्यादा बीमार हो रहे हैं. जबकि कोरोना के पिछले जितने भी वैरिएंट्स आए हैं उनके बच्चों पर बहुत हल्के या बिलकुल भी लक्षण नहीं देखे गए थे. दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स के मुताबिक ओमिक्रॉन के लक्षण हर किसी में अलग-अलग भी हो सकते हैं, लेकिन युवाओं में ज्यादा थकान, बदन दर्द और सिर दर्द इसके लक्षण हैं. वहीं बच्चों में तेज बुखार, लगातार खांसी आना (एक घंटे तक लगातार), थकान, सिर दर्द, गले में खराश और भूख ना लगने जैसी समस्या हो रही है.