ओमिक्रॉन के हवा के जरिए फैलने की आशंका
टीम इंस्टेंटखबर
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा रहे हैं. अब हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी की एक स्टडी ने वैज्ञानिकों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. इस नई स्टडी में ओमिक्रॉन के हवा के जरिए फैलने की आशंका जताई गई है.
ये स्टडी हॉन्ग कॉन्ग के एक क्वारंटीन होटल के CCTV फुटेज पर आधारित है. ये स्टडी ‘इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज’ नामक पत्रिका में छपी है.
स्टडी की खास बातें- स्टडी में पाया गया कि हॉन्ग कॉन्ग के क्वारंटीन होटल में ठहरे दो यात्रियों से होटल के कॉरिडोर में ओमिक्रॉन वैरिएंट फैल गया. खास बात ये है कि ये दोनों यात्री वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे और होटल में रहते हुए भी किसी के संपर्क में नहीं आए थे. यहां तक कि ये दोनों अपने-अपने कमरे से भी बाहर नहीं निकले थे और ना ही इनसे मिलने कोई आया था. इनके कमरे के दरवाजे सिर्फ खाना लेने या फिर कोविड टेस्टिंग के लिए ही खुलते थे.
कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने कहा था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट में नेचुरल इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता है. कोरोना का ये वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही पाया गया था.
रोम के बम्बिनो गेसू अस्पताल द्वारा तैयार और पब्लिश की गई ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहली तस्वीर के अनुसार, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट में बहुत सारे म्यूटेशन हैं, खासतौर से प्रोटीन के उस हिस्से में उसका म्यूटेशन सबसे ज्यादा है जो मानव कोशिकाओं के संपर्क में रहता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसका मतलब ये नहीं है कि ये बहुत खतरनाक हैं, बस वायरस एक और वैरिएंट बनाकर मानव प्रजाति के और अनुकूल हो गया है.
WHO के लगभग 450 वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन कारगर है या नहीं और पूरी दुनिया में ये किस स्तर पर फैल सकता है. उम्मीद है कि इन सारे सवालों के जवाब वैज्ञानिकों को जल्द ही मिल जाएंगे. वहीं ,दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा का कहना है कि अस्पतालों को लोगों के लिए एक बार फिर से तैयार किया जा रहा है क्योंकि देश COVID-19 संक्रमण के चौथी लहर में प्रवेश करने जा रहा है.