• एप के जरिए खोजे जाएंगे संभावित टीबी रोगी
  • 31 के सापेक्ष 20 संभावित रोगियों के सैंपल जांच को भेजे गए

हमीरपुर
संभावित टीबी रोगियों की खोज में एक नया प्रयोग शुरू हुआ है। अब आवाज से टीबी रोगियों का पता लगाया जा सकेगा । इसके लिए फील्डी नाम का एक एप लांच किया गया है। इसके जरिए तीन तरह से आवाज रिकॉर्ड की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किए गए इस अभियान में 31 लोगों के वायस सैंपल लेने का लक्ष्य है। 20 संभावित टीबी रोगियों के सैंपल रिकॉर्ड किए जा चुके हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त करने के मिशन पर काम कर रही है। इसके लिए फील्ड नाम का मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया गया है। इसे लागू करने से पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुनिंदा जनपदों में ट्रायल कराया जा रहा है। इसमें टीबी के संभावित रोगी की आवाज का सैंपल लिया जाएगा। सैंपल तीन प्रकार के लेने हैं। एक सैंपल ऐसे व्यक्ति का लेना है, जो माइक्रो बायोलॉजिकली टीबी कंफर्म हो। दूसरे वह, जो टीबी के मरीज के संपर्क में आए हो और तीसरे वह लोग हैं, जिनकी माइक्रोस्कोपी, सीबीनॉट और एक्स-रे से सभी जांच करा ली गई हो, फिर भी रिपोर्ट निगेटिव आई हो।

डीटीओ ने बताया कि इस एप के माध्यम से टीबी की जांच कराने वाले व्यक्ति से 30 प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे। मसलन, उसे बुखार है या नहीं, यदि बुखार है तो कितने दिन से, टीबी की दवा कभी ली है अथवा नहीं। शासन के निर्देश पर जनपद के 31 लोगों की आवाज का सैंपल इस मोबाइल एप में रिकॉर्ड कर क्षय रोग विभाग ने जांच के लिए भेजे जाने का लक्ष्य है। अब तक 20 लोगों के आवाज के सैंपल लिए गए हैं। अभी टीबी जांच का यह तरीका ट्रायल स्तर पर है। सफल हुआ तो बिना बलगम, एक्सरे या सीबीनॉट से टीबी की जांच की जा सकेगी।

एक से दस तक गिनती और अ, आ, इ, ई बुलवाया जाएगा
क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि एप के जरिए टीबी की जांच के लिए आवाज का नमूना लिया जाएगा। पहले तो एक से दस तक गिनती गिनाई जाएगी। फिर अ, आ, इ, ई बुलवाया जाएगा। खांसी की आवाज का भी नमूना लिया जाएगा। बाद में वातावरण का साउंड लिया जाएगा।