भारत-रूस के आर्थिक संबंधों को राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं: विदेश मंत्रालय
टीम इंस्टेंटखबर
भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने रूस के साथ आर्थिक संबंध स्थापित कर लिये हैं और इस संबंध को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की टिप्पणी यूक्रेन में संकट के बावजूद मास्को के साथ अपने व्यापारिक संबंधों पर कई पश्चिमी शक्तियों द्वारा नई दिल्ली की बढ़ती आलोचना पर सवालों के जवाब में आई।
एक मीडिया ब्रीफिंग में, बागची ने कहा कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों के बारे में बहुत खुला है और यहां तक कि यूरोप द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने का भी हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि हमने रूस के साथ आर्थिक संबंध स्थापित किए हैं और हमारा ध्यान मौजूदा परिस्थितियों में इस स्थापित आर्थिक संबंधों को स्थिर करने पर है। बागची ने कहा कि यह देखने के लिए चर्चा चल रही है कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत और रूस के बीच किस तरह का भुगतान तंत्र काम कर सकता है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग 40 से ज्यादा दिनों से जारी है। दोनों देशों के बीच इस युद्ध में रूस के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर अमेरिका ने भारत की आलोचना की थी। अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने भारत को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार करने वाले देशों को भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा था कि अमेरिका नहीं चाहता कि भारत की ऊर्जा और अन्य आयातों में रूस का हिस्सा बढ़े। यूएस डिप्टी एनएसए ने यह भी कहा कि भारत को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि अगर चीन कभी एलएसी का उल्लंघन करता है तो रूस उसके बचाव में आएगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे सैयद अकबरुद्दीन ने दलीप सिंह के बयान की आलोचना की थी।