रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, ग्लोबल अर्थव्यवस्था पर रिज़र्व बैंक ने चिंता
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट (repo rate) को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. इसके पहले मई में ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वॉइंट और मार्च में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई थी.
इस साल अबतक दरों में 115 बेसिस प्वॉइंट की कटौती हो चुकी है. रिवर्स रेपो रेट (RRR) 3.35 फीसदी और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को 3 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. वहीं बैंक रेट 4.25 फसदी है. एमपीसी (MPC) ने सर्वसम्मति से दरों में बदलाव न करने का फैसला किया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (shaktikanta das) ने पॉलिसी का एलान करते हुए ग्लोबल अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई है. हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अब रिकवरी शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी से जून तक अर्थव्यवस्था की चिंता बनी रही है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रिटेल महंगाई कंट्रोल में है. वहीं फॉरेक्स रिजर्व में बढ़ोत्तरी हुई है. 31 जुलाई तक देश का फॉरेक्स रिजर्व 53460 करोड़ डॉलर था.
जून में बढ़ी महंगाई दर को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि RBI इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. इस साल जून में एनुअल इनफ्लेशन रेट मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसदी हो गया है. यह RBI के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है. RBI का यह टारगेट 2-6 फीसदी है.
RBI आई गवर्नर ने कहा है कि दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में महंगाई दर ऊंची रह सकती है. हालांकि, अक्टूबर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है. FY21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है. इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर बनी है.
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने एक हालिया रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि ब्याज दरों में अगस्त में 25 बीपीएस की और वित्त वर्ष 2021 में 75 बीपीएस की कटौती की उम्मीद है. बढ़ रही महंगाई, अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता के चलते आरबीआई दरों में कटौती जारी रखेगा. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल का कहना था कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अभी भी कोविड 19 का असर बना हुआ है. डिमांड अभी सुधर नहीं पाई है. ऐसे में रेट कट की गुंजाइश है. इससे हर सेक्टर में डिमांड बढ़ने में मदद मिलेगी. इससे बैंकों को भी कर्ज बांटने में मदद मिलेगी.