■ कौशाम्बी जिले के सैनी क्षेत्र में निकली निषाद आरक्षण यात्रा
■ 26 जुलाई को इलाहाबाद पहुँचेगी यात्रा
■ भारी संख्या में उमड़े निषाद कश्यप समाज के लोग
■ सरकार के खिलाफ बढ़ रहा है आक्रोश

कौशाम्बी जिले की सिराथू विधानसभा अंतर्गत सातों घाट से मिर्जापुर होते हुए कन्थुआ ग्राम सभा तक निषाद कश्यप समाज को अनुसूचित जाति में शामिल कराने के मुद्दे पर सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन द्वारा कुंवर सिंह निषाद के नेतृत्व में पदयात्रा निकाली गई

निषाद कश्यप समाज अनुसूचित जाति आरक्षण की मांग को लेकर निषाद कश्यप मछुआ समाज लंबे समय से आंदोलनरत है, सैनी और सिराथू में निषाद समाज द्वारा स्वागत किया गया

पदयात्रा 11 जुलाई से मथुरा से प्रारंभ होकर आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट, फतेहपुर आदि जिलों में निकाली जा चुकी है पदयात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है अब यह आंदोलन गांव देहात तक भी अपना असर छोड़ रहा है


पदयात्रा में भारी संख्या में निषाद कश्यप समाज के लोगों ने भाग लिया। सातों घाट में निषाद कश्यप समाज की बैठक भी आयोजित की गई

अनेकों स्थानों पर सभाएं भी आयोजित हुईं जिसमें यात्रा को संबोधित करते हुए यात्रा संयोजक कुँवर सिंह निषाद ने कहा कि भाजपा ने निषाद कश्यप मछुआ समाज को आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन अब भाजपा अपने वादे से मुकर रही है यदि वादाखिलाफी हुई तो मोदी योगी की सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का अंग रहा है आवाज दबाई गई तो भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में निषाद समाज पूरी ताकत झोंक देगा,

निषाद कश्यप आर्मी के प्रांत उपाध्यक्ष राजाराम निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा हमें धोखे में रखा जा रहा है आरक्षण नहीं तो भाजपा को वोट नहीं ये हमारा नारा है, हमारा समाज उत्तर प्रदेश में सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है अब समाज आरक्षण के मुद्दे पर एक है

राष्ट्रीय एकलव्य सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भीमा कश्यप ने कहा कि योगी मोदी झूठ बोलकर पिछड़े दलित समाज को ठगने का काम करते हैं

पदयात्रा में मुख्यरूप से मुजफ्फरपुर प्रधान सागर निषाद, श्रीराम निषाद, सुमेर निषाद, धनराज निषाद, सुनील निषाद, रामसिंह निषाद, अनूप निषाद, सिकंदर निषाद, शैलेश निषाद, कमलेश निषाद, करण निषाद, विकास निषाद, विपिन निषाद, नीरज निषाद, ध्यान सिंह निषाद, दुर्गेश निषाद, मंजीत निषाद, अजय निषाद, मक्खन निषाद, विजय निषाद, विजय निषाद, मनोज निषाद, रमा निषाद, चंदर निषाद, रामभुवल निषाद, राकेश निषाद, रामशंकर, रामलाल निषाद, मसदू निषाद, छेदीलाल निषाद, संजय निषाद, रामबाबू निषाद मुख्य रूप से शामिल रहे।