नवनियुक्त शिक्षक परिवर्तन के वाहक बनें: मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षक विद्यालयों में नया परिप्रेक्ष्य दें और परिवर्तन के वाहक बनें। शिक्षक अपने आपको नये ज्ञान और तकनीक से समृद्ध करें। ज्ञान की परम्परा कभी रुकनी नहीं चाहिए, जहां कहीं भी कुछ अच्छा मिले उसे अंगीकार करना चाहिए। बेसिक शिक्षा को मजबूत करके ही प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया जा सकता है। बच्चे देश का भविष्य होते हैं। अतः बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, ताकि उनकी नींव मजबूत बन सके
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में चयनित 36,590 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को नौकरी देने के प्रति अत्यन्त गम्भीर है। राज्य सरकार ने अब तक लगभग 3.5 लाख से अधिक युवाओं को राजकीय सेवाओं में नौकरियां देने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलायें जाएं, शिक्षक पाठ्यक्रम को सरलतम तरीके से कहानियों और प्रयोगों के माध्यम से बच्चों को सिखाएं। बच्चों के प्रति प्रेम, स्नेह और मैत्री का भाव रखें, जिससे बच्चों के मन में स्कूल के प्रति उत्साह तथा उमंग का भाव उत्पन्न हो और उनके मन में स्कूल के प्रति भय न हो। नवनियुक्त शिक्षकों से अपेक्षा की है कि बदलते परिवेश के अनुरूप शैक्षिक वातावरण तैयार करें। वर्तमान में आॅनलाइन शिक्षा को भी अपनाना होगा। शिक्षक पढ़ाने के साथ-साथ विद्यार्थियों के अभिभावकों से भी संवाद करें और उन्हें कोविड-19 के साथ-साथ दुनिया के सम्बन्ध में भी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए अवस्थापना सुविधाओं को उच्चीकृत किया गया है। प्रदेश के
1.59 लाख परिषदीय विद्यालयों में 18 मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के संतृप्तीकरण हेतु वर्ष 2018 से आॅपरेशन कायाकल्प अभियान संचालित है। प्रदेश सरकार द्वारा 01 करोड़ 80 लाख परिषदीय स्कूली बच्चों को यूनीफाॅर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, किताबें आदि निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कई देशों की आबादी भी 01 करोड़ 80 लाख नहीं है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से आज प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद परिषदीय विद्यालयों की तस्वीर बदल गई है। इन स्कूलों में शौचालय, स्वच्छ पेयजल, फर्नीचर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन्हें विद्युतीकृत भी किया गया है। लाइबे्ररी की भी स्थापना की गई है। इन स्कूलों में बाउण्ड्रीवाल का भी निर्माण कराया जा रहा है। अब तक 50 हजार स्कूलों का कायाकल्प कराया जा चुका है। स्कूलों के कायाकल्प के लिए विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध धनराशि को डवटेल किया गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों के चलते पिछले 03 वर्षाें में परिषदीय विद्यालयों में 50 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन सम्भव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.80 करोड़ बच्चों को अच्छी शिक्षा की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर 69,000 शिक्षकों की सफलतापूर्वक भर्ती एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। कुछ अड़चनों के कारण इसमें विलम्ब हुआ। सभी सफल अभ्यर्थियों का चयन निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से किया गया है। इस भर्ती के माध्यम से आज 36,590 शिक्षकांे को नियुक्ति पत्र वितरण का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने अपेक्षा की कि सफल अभ्यर्थी परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 01 से 08 तक चरणबद्ध रूप में एन0सी0ई0आर0टी0 का पाठ्यक्रम तथा पाठ्य पुस्तकें लागू करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंे लगभग 01 लाख 59 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में बहुत से ऐसे विद्यालय थे जहां या तो शिक्षक नहीं थे या एक शिक्षक पर ही पूरा विद्यालय संचालित हो रहा था, जिससे बच्चों पर उचित ध्यान देना मुश्किल हो रहा था। अब इन भर्तियों के बाद से सभी स्कूलों में शिक्षक होंगे, जिससे इन बच्चों का सर्वांगीण विकास सम्भव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु मिशन प्रेरणा कार्यक्रम समस्त जनपदों में संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों एवं कक्षा-कक्षों का रूपांतरण किया गया है। इसके अलावा छात्र लर्निंग आउटकम में सुधार को माॅनिटर किया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा नवाचारी कक्षा प्रशिक्षण पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही, शिक्षकों के अकादमिक कार्यों में समय को बढ़ाया गया है। न्यायसंगत कक्षा-कक्ष स्थापित किए गए हैं। दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों द्वारा अतिरिक्त डिजिटल शिक्षण सामग्री का उपयोग करते हुए शिक्षण को रुचिकर एवं प्रभावी बनाया जा रहा है।