नए इंस्टॉलेशन में 11 फीसदी की गिरावट, वॉट्सऐप को भारी पड़ रही है नई प्राइवेसी पॉलिसी
वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी उसके लिए भारी पड़ रही है और प्रतिद्वंदी ऐप्स के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. जैसे कि सिग्नल. टेस्ला इंक के सीईओ एलन मस्क के बाद अब भारत की पेटीएम के फाउंडर व सीईओ विजय शेखर शर्मा ने सिग्नल ऐप को अपनाने की वकालत की है. शर्मा ने ट्वीट में कहा है कि भारत में वॉट्सऐप/फेसबुक उनके एकाधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और लाखों यूजर्स की प्राइवेसी को हल्के में ले रहे हैं. पेटीएम फाउंडर ने आगे कहा कि हमें अब सिग्नल ऐप पर शिफ्ट हो जाना चाहिए.
दरअसल फेसबुक के स्वामित्व वाली वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से लागू हो रही है, जिसके मुताबिक कहा जा रहा है कि यूजर्स के डेटा को फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य साझेदार कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा. जो अगर यूजर्स इस प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, उनका वॉट्सऐप अकाउंट अपने आप बंद हो जाएगा. हालांकि कंपनी ने इस पर सफाई दी है और कहा है कि यह सिर्फ बिजनेस अकांउट्स पर लागू होगा और निजी चैट का इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन इसके बावजूद यूजर्स का वॉट्सऐप से मोह भंग हो रहा है और वह इसका अल्टरनेटिव तलाश रहे हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की हाल ही में आई एक रिपोर्ट में सेंसर टॉवर के डेटा के हवाले से बताया गया है कि 2021 के पहले हफ्ते में वॉट्सऐप के नए इंस्टॉलेशन में 11 फीसदी की गिरावट आई है.
वॉट्सऐप की नई शर्तों के कारण इसकी लगातार आलोचना हो रही है, जिसका फायदा इसके प्रतिद्वंदी ऐप्स को मिल रहा है. 7 जनवरी को टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने लोगों को ‘सिग्नल’ के इस्तेमाल का सुझाव देते हुए इसे सुरक्षित बताया था. इसके बाद से यूजर्स द्वारा सिग्नल को डाउनलोड करने का सिलसिला शुरू हुआ, जो अब भी जारी है.
सिग्नल और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप्स की मांग अचानक बढ़ गई है. Signal ने भारत सहित दुनिया के कई देशों में ऐप स्टोर के फ्री ऐप्स कैटेगरी में पहला स्थान हासिल कर लिया है. शनिवार को सिग्नल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया गया, जिसमें भारत में इसे Whatsapp से ऊपर पहले स्थान पर दिखाया गया है. भारत के अलावा जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, हॉन्ग कॉन्ग, स्विट्जरलैंड में भी सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए ऐप्स में सिग्नल अव्वल रहा है.
सिग्नल ऐप पर सभी कम्युनिकेशंस एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं. ऐप का दावा है कि उसकी तरफ से यूजर के डेटा का न के बराबर इस्तेमाल किया जाता है. सिग्नल ऐप पर कभी भी ऐड नहीं होंगे. यह यूजर्स के बैकअप को क्लाउड पर नहीं भेजता, बल्कि एनक्रिप्टेड डेटाबेस को आपके फोन में ही सिक्योर रखता है. साथ ही ऐप की सिक्योरिटी को अपने हिसाब से तय करने का विकल्प दिया गया है.
कुछ खास फीचर्स
सिग्नल ऐप में ‘डेटा लिंक्ड टू यू’ (Data Linked to You) फीचर है. इस फीचर को इनेबल करने के बाद कोई भी चैटिंग के दौरान उस चैट का स्क्रीनशाॅट नहीं ले सकता.
नोट टू सेल्फ (Note to Self)फीचर के जरिए यूजर खुद को भी मैसेज भेज सकते हैं. इसके लिए आपको अपना अकेले का ग्रुप बनाना होगा.