लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में डेंगू तथा अन्य संचारी रोगों की समीक्षा करते हुए रोकथाम के लिए प्रयासों को और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत कुछ सप्ताह से डेंगू व अन्य संचारी रोगों के दुष्प्रभाव में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इनकी स्क्रीनिंग के लिए सर्विलांस को बेहतर करने की आवश्यकता है। इस कार्य में आशा बहनों का सहयोग लें। घर-घर स्क्रीनिंग कराएं तथा लक्षणयुक्त मरीजों की पहचान करते हुए उनके समुचित इलाज की व्यवस्था कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की भांति डेडिकेटेड डेंगू अस्पताल एक्टिव किये जाएं। हर जिले में कम से कम एक ऐसा डेडिकेटेड अस्पताल जरूर क्रियाशील हो। यहां चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता, जांच की सुविधा तथा उपचार की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसे आई0सी0सी0सी0 से भी जोड़ा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सभी मंत्री फील्ड में बने रहें। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेड मिले, उसकी समुचित चिकित्सकीय जांच हो और समय पर इलाज किया जाए। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पताल, पी0एच0सी0, सी0एच0सी0 व उच्च स्तरीय चिकित्सा संस्थान साधन सम्पन्न हैं। इसका लाभ लोगों को मिलना चाहिए। स्वास्थ्य सेवा अथवा सुरक्षा में तैनात कार्मिकों से मरीजों के तीमारदारों के साथ सहयोगपूर्ण व्यवहार करने की अपेक्षा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू के मरीजों के लिए हर शासकीय अस्पताल में आइसोलेशन वॉर्ड बनाए गए हैं। स्थानीय जरूरतों के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाए। सभी जनपदों में डेंगू की जांच और प्लेटलेट्स की जांच की सुविधा होनी चाहिए। नगर विकास व पंचायती राज विभागों द्वारा प्रदेशव्यापी साफ-सफाई व फॉगिंग का कार्य नियमित रूप से कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, नगर विकास, पंचायती राज और सूचना विभाग व्यापक जागरूकता के कार्यक्रम चलाएं। डेंगू के लक्षण, कारण तथा बचाव आदि के बारे में लोगों को सही जानकारी दी जाए। अखबारों में जागरूकता परक विज्ञापन, दीवार पेंटिंग, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के कारण, प्रभाव और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर आगामी माघ मेले की तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं। सभी श्रद्धालु एवं कल्पवासी अपने व्रत-संकल्प की पूर्ति अपनी आस्था के अनुरूप कर सकें, इसके लिए उन्हें अच्छी व्यवस्था देनी होगी। उनकी जरूरतों का ध्यान रखना होगा। साधु-संतों और कल्पवासियों से संवाद बनाएं। मेला स्थल पर अस्थायी निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण कर लें।