नरेश टिकैत ने पहलवानो को गंगा में मेडल्स विसर्जन से रोका, सरकार को दिया पांच दिन का अल्टीमेटम
दिल्ली:
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके पहलवानों ने मंगलवार को हरिद्वार जाकर अपने पदक गंगा में बहाने का फैसला बदल लिया। इन पहलवानों में मुख्य रूप से साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट शामिल हैं। सभी पहलवान हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट पर पदक विसर्जित करने गए थे। इसी बीच किसान नेता नरेश टिकैत पहुंचे और किसानों को समझाया कि ये मेडल देश की शान हैं. उनके मनाने के बाद पहलवानों ने अपने सारे मेडल उन्हें सौंप दिए।
हालांकि पहलवानों ने ऐलान किया है कि इसके बाद वे दिल्ली में इंडिया गेट पर धरना दे रहे हैं। जब पहलवान अपने पदकों का आदान-प्रदान करने हरिद्वार पहुंचे तो वह काफी भावुक हो गए। इस दौरान कई पहलवान घाट पर बैठकर रोते भी दिखे। वहीं कुछ उन्हें सहारा दे रहे थे। ये मेडल उन्होंने कई अलग-अलग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीते हैं, जिन्हें वह आज गंगा को सौंपने जा रहे थे.
इससे पहले हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने कहा था कि पहलवान हरिद्वार में कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह अपना मेडल गंगा में बहाने आ रहे हैं तो उन्हें नहीं रोकेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में अपने वरिष्ठों से कोई निर्देश नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा था कि लोग गंगा में सोना, चांदी और हड्डियां तक फेंक देते हैं। इसी क्रम में पहलवान चाहें तो अपने पदक भी बहा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा दशहरा पर यहां करीब 15 लाख श्रद्धालु आते हैं, इस दौरान पहलवानों का भी स्वागत होता है।