इबादतगाहों को बचाने के लिए देश भर में जागरूकता अभियान चलाएगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
दीवार तोड़ने की मांग ज्ञानवापी मस्जिद को शहीद करने की एक साज़िश, AIMPLB की लखनऊ में हुई अहम बैठक
तौक़ीर सिद्दीक़ी
ज्ञानव्यापी मस्जिद सहित देशभर की इबादतगाहों की हिफाजत के लिये कानूनी कदम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया(MPLBI) उठाएगा इसके लिये बोर्ड के मजलिश -ए -शूरा के जिम्मेदारों की फिजिकली व वर्चयुली हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.
बोर्ड ने देशभर में उतपन्न किये जारहे विवादों को संविधानविरोधी बताते हुए कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश के विरुद्ध इबादतगाह बचाओ बेदारी तहरीक भी देशभर में चलाने का निर्णय लिया है। बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद यूसुफ अज़ीज़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में देशभर में तेजी से उठ रहे विवादों को गहरी साजिश मानते हुए कहा कि हम हर हाल में सौहार्द बनाये रखते हुए संविधान की सीमा में अपनी इबादतगाहों की हिफाजत के लिये कानून का सहारा लेंगे बैठक में प्लेसेज आफ वर्शिप एक्ट पर चर्चा करते हुए ज्ञानव्यापी सहित अन्य मस्जिदों पर किये जा रहे मुकदमात पर सवाल उठाते हुए कहा कि संविधान की व्यवस्था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बाबरी मस्जिद जजमेंट में मान्यता दी है उसके बाद भी निचली अदालतों से एक के बाद एक आये आदेश के बाद मुस्लिम समुदाय आहत व बेचैन है. मस्जिदों,दरगाहों व अन्य स्थलों की प्रकृति व चरित्र पर खतरा मंडरा रहा है,जिसे स्वीकार करने की स्थित में हम नही है।
बोर्ड ने कहा कि काशी, मथुरा सहित देशभर की लगभग 50 हजार मस्जिदों को जिस तरह निशाना बनाने की बात की जा रही है उससे संविधान व कानून के सामने एक बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है ।एमपीएलबीआई सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर अपनी इबादतगाहों की हिफाजत के साथ उनके चरित्र व प्रकृति को बदलने व किसी तरह की छेड़छाड़ से रोकने की अपील करेगा।
बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोइन अहमद खान ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि मीटिंग में तय हुआ कि इबादतगाह बचाओ तहरीक शुरू कर कौम को जागरूक करने के साथ धार्मिक सौहार्द बनाये रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तहरीक चलाएगा जिसकी तारीखों की घोषणा 2 जून को की जाएगी ।उंन्होने कहा कि 2024 की चुनावी तैयारी के लिये उन्माद पैदा करना देशविरोधी राजनीति है, उंन्होने कहा कि 1991 का उपासना स्थल कानून किसी धर्मस्थल के चरित्र प्रकृति को बदलने से रोकने के साथ उस पर किसी तरह के वाद या सुनवाई से भी रोकता है, यही नही यह कानून मंदिर,मठ, गुरुद्वारा व चर्च सहित सभी धर्मस्थलों को समान रूप से अपना सुरक्षा कवच देता है।
बोर्ड की तरफ से कहा गया संविधान,कानून के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार की है,धार्मिक विवाद उतपन्न करने वालो को अराजक बताते हुए कहा कि देश मे धर्म के नाम पर ओछी राजनीत दुर्भाग्यपूर्ण है,उंन्होने कहा कि मथुरा काशी के बाद यह सिलसिला कहा जाकर रुकेगा कोई नही जानता इसलिये यह आवश्यक हो गया है कि इस विषय पर प्रधानमंत्री अपना मौन तोड़कर एकजुटता व सौहार्द के साथ संविधान संरक्षण का भरोसा दे।
बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक नसीम अहमद ने कहा कि वोट की राजनीति के लिये मस्जिदों को निशाना बनाकर धार्मिक विवाद गरमाये जा रहे है जिसमे तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल मौन धारण कर संविधान उलंघन का तमाशा व मुस्लिमो पर सत्तादल प्रायोजित हमलों को देख रहा है फिर भी वह चुप है, यह स्थित उचित नही है। बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना यूसुफ अज़ीज़ी ने कहा कि सरकार को विवाद उत्पन्न नही होने देने चाहिये देश की सेहत के साथ खिलवाड़ बंद हो,उंन्होने कहा कि ज्ञानव्यापी मस्जिद की दीवार तोड़कर जांच की मांग भी संविधान विरोधी ही नही बल्कि मस्जिद को शहीद कर देने की एक बड़ी साजिश है जिसे अदालत को खारिज करना चाहिये।