मुहर्रम हमे भाईचारगी,अख़ूवत और इत्तेहाद का दर्स देता है: मौलाना अली फैसल
फ़तेहपुर बाराबंकी:
मुहर्रम की चांद रात से मजालिसे अज़ा और मातमी जुलूस का शुरू हुआ सिलसिला जारी है ! छोटे इमाम बाड़े की सुब्ह 9 बजे होने वाली मजलिस मे मेरठ से आये मौलाना अली फैसल ने कहा कि क़ुर्आन अल हम्द से नास तक हिदायत का सर चश्मा है ! क़ुर्आने मजीद के 114 सूरे ता क़यामत इंसानो के लिए मशअले राह रहेगा ! क़ुर्आन की बेहुरमती बर्दाश्त नही की जायेगी !
मौलाना ने स्वीडन मे क़ुर्आन जलाए जाने की सख्त मज़म्मत की और ईराक़,ईरान,सऊदी अरब समेत मुस्लिम मुमालिक के क़दमो की तारीफ़ की ! बड़ा इमाम बाड़ा ट्रस्ट के सदर सैय्यद हसन इब्राहीम काज़मी की ज़ेरे सदारत मजलिस मे मौलाना ने मज़ीद कहा कि दुनिया अहलेबैत की बेमिसाल को दुनिया भुला नही सकती है ! मुहर्रम हमे भाईचारगी,अख़ूवत और इत्तेहाद का दर्स देता है ! कलमा पढ़ने वाले सभी मुसलमान हैं ! एक मुसलमान को दूसरे फ़िर्क़े के मुसलमान की इज़्ज़त ताज़ीम करनी चाहिए और किसी का दिल नही दुखाना चाहिए! मसायब मे शहीदाने कर्बला का ज़िक्र हुआ तो अज़ादार रोने लगे ! मजलिस के आखिर मे क़ौमो मिल्लत और इस्लामी वहदत के लिए दुआ कराई गई !