MSME सेक्टर को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रूपए का लोन मिलेगा
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किए जाने के बाद बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पैकेज का विस्तृत रूप से ब्योरा रखा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित पैकेज की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सेक्टर को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रूपए का लोन मिलेगा। इससे करीब 45 लाख लोगों को इसका फायदा होगा और छोटे और लघु उद्योगों को मदद मिलेगी। इसके लिए सरकार ने 6 कदम उठाए हैं। 15 हजार से कम सैलरी वाले कर्मचारियों को सहायता दी जाएगी। इनका ईपीएफ सरकार देगी। संकट में फंसे 2 लाख छोटे उद्योंगों को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) और TCS (टैक्स सेलेक्टेड ऐट सोर्स) रेट में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी। जिससे 50 हजार करोड़ का फायदा होगा। बता दें, TDS इंकम टैक्स का हिस्सा होता है। इसके तहत किसी की आय से टैक्स काटकर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाती है। टैक्स में काटी गई राशि को टीडीएस कहते है। TDS हर आय व लेन-देन पर लागू नहीं होता है। वहीं TCS भी कर भुगतान है जो अधिक की खरीददारी आयकर विभाग द्वारा तय फीसदी को TCS के रूप में देना होता है।
सुक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्योग (एमएसएमई) की परिभाषा बदलते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक करोड़ के निवेश और पांच करोड़ के टर्नओवर को सुक्ष्म उद्योग के तहत माना जाएगा और दस करोड़ के निवेश और 50 करोड़ के टर्नओवर को लघु उद्योग के अंतर्गत माना जाएगा जबकि 20 करोड़ के निवेश और सौ करोड़ के टर्नओवर को मध्यम उद्योग के तहत माना जाएगा।
वहीं, आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़कर 30 नवंबर कर दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि चैरिटेबल ट्रस्टों और गैर-कॉर्पोरेट व्यवसायों के सभी पेंडिग रिफंड तुरंत जारी किया जाएगा।
उन्होंने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के लिए तीस हजार करोड़ रुपए के स्कीम की घोषणा की है। इस स्कीम से हाउसिंग सेक्टर को बल मिलेगा। वहीं, 90 हजार करोड़ रुपए बिजली वितरण कंपनियों को दी जाएगी।
सीतारमण ने कहा कि रेलवे, हाई-वे, सड़क निर्माण कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनियों को 6 महीने के लिए राहत दी गई है। साथ ही कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए रियल एस्टेट सेक्टर को RERA से छूट दी जाएगी। वहीं, मकान को पूरा करने के लिए बिल्डरों को भी पूरा समय दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हर आकार के एमएसएमई सेक्टर सरकारी टेंडर में भाग ले सकेंगे। दो सौ करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ज्यादा टर्नओवर के बावजूद भी छोटे उद्योग का दर्जा खत्म नहीं होगा। 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ के टर्नओवर पर भी छोटे उद्योग का दर्जा होगा। साथ ही एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को फायदा होगा। सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। 15 हजार से कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों का ईपीएफ सरकार अगस्त तक देगी। कंपनियों को 12 फीसदी ईपीएफ की बजाय 10 फीसदी देना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि आप देख रहे हैं कि 2014-19 के शासन के दौरान भी पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार संवेदनशील, सुनने और जवाब देने वाली सरकार रही। उन्होंने कहा कि इस राहत पैकेज के जरिए सरकार भारत को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही हैं। तीन महीने में किसानों, गरीबों के लिए कई कदम उठाए गए हैं।