दिल्ली:
उत्तराखंड के जोशीमठ में मचे विनाश के बीच आज भी रात के अंधेरे में भारी मशीनों से पहाड़ काटे जा रहे हैं। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक सीएम धामी ने सभी निर्माण कार्य, हाईवे पर चल रहे काम और NTPC में निर्माण की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश दिए थे लेकिन प्रशासन इन आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है। बताया जा रहा है कि रात को पहाड़ काटने को लेकर इस्तेमाल की जा रही मशीनों की आवाज कई किलोमीटर तक सुनी जा रही है। बता दें, चेतावनी के बाद भी जोशीमठ में पहाड़ काटने का ये कार्य आने वाले समय में और भी घातक हो सकता है।

गौरतलब है कि जोशीमठ में घरों-होटलों-मंदिरों में दरारें आने के बाद सरकार ने पूरे इलाके को एक भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित किया है. निर्माण कार्य रोके जाने के साथ ही क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले लोगों को अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाया जा रहा है. लेकिन इन सबके बीच मानों लोगों की जान और जोशीमठ को डूबाने का काम जारी है। यही वजह है कि बिना किसी डर के पुलिस-प्रशासन के नाक के नीचे भारी मशीनों की मदद से पहाड़ को काटा जा रहा है।

बता दें कि जोशीमठ में दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 हो गई है। प्रभावित इलाकों में 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. जिला प्रशासन ने ऐसे घरों के बाहर लाल निशान लगा दिए हैं। जोशीमठ के लोग अब भी पुनर्वास और मुआवजे को लेकर गुस्से में हैं। हालांकि प्रभावित मकानों के मालिकों को राज्य सरकार ने 4000 रुपये प्रति महीना देने का ऐलान किया है।