शिशु को रोगों से लड़ने की ताकत देता है मां का दूध
- विश्व स्तनपान सप्ताह पर महिला अस्पताल में फल बांटे गए
- जन्म के पहले घंटे में जरूर पिलाएं माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध
हमीरपुर: एक अगस्त से शुरू हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत सोमवार को जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं को स्तनपान के महत्व से रूबरू कराया गया। इस मौके पर महिलाओं को फल भी बांटे गए।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.फौजिया अंजुम नोमानी ने बताया कि मां के दूध की अहमियत सर्वविदित है, यह बच्चे को रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करने के साथ ही उसे आयुष्मान भी बनाता है। कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य संक्रामक बीमारियों से मां का दूध बच्चे को पूरी तरह से महफूज बनाता है। इसलिए स्तनपान के फायदे को जानना हर महिला के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके प्रति जागरूकता के लिए ही हर साल एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए ही इस साल इस सप्ताह की थीम-‘स्तनपान सुरक्षा की जिम्मेदारी, साझा जिम्मेदारी’ तय की गई है।
सीएमएस ने बताया कि स्तनपान करने वाले शिशु को ऊपर से कोई भी पेय पदार्थ या आहार नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है। मां के दूध में शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों के साथ पर्याप्त पानी भी होता है। इसलिए छह माह तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी न दें । यहां तक कि गर्मियों में पानी भी न पिलायें। ध्यान रहे कि रात में मां का दूध अधिक बनता है, इसलिए मां रात में अधिक से अधिक स्तनपान कराए। दूध का बहाव अधिक रखने के लिए जरूरी है कि मां चिंता और तनाव से मुक्त रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बताया कि शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है। यह शिशु का मौलिक अधिकार भी है। मां का दूध शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। यह शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है। इसलिए बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला पीला गाढ़ा दूध अवश्य पिलाना चाहिए। यह दूध बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है, इसीलिए इसे बच्चे का पहला टीका भी कहा जाता है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ.पीके सिंह, एनएचएम के डीपीएम सुरेंद्र साहू, डॉ.आशा सचान, डॉ.पूनम सचान, डॉ.नाजिस आदि मौजूद रहे।
यह भी जानना जरूरी :
यदि केवल स्तनपान कर रहा शिशु 24 घंटे में छह से आठ बार पेशाब करता है, स्तनपान के बाद कम से कम दो घंटे की नींद ले रहा है और उसका वजन हर माह करीब 500 ग्राम बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि शिशु को मां का पूरा दूध मिल रहा है ।
शिशु के लिए स्तनपान के फायदे
- सर्वोत्तम पोषक तत्व, सर्वोच्च मानसिक विकास में सहायक
- संक्रमण से सुरक्षा (दस्त-निमोनिया), दमा एवं एलर्जी से सुरक्षा
- शिशु के ठंडा होने से बचाव, प्रौढ़ एवं वृद्ध होने पर उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से सुरक्षा।
मां के लिए स्तनपान के फायदे :
- जन्म के पश्चात बच्चेदानी के जल्दी सिकुड़ना व रक्तस्राव एवं एनीमिया से बचाव, कारगर गर्भनिरोधक, मोटापा कम करने और शरीर को सुडौल बनाने में सहायक, स्तन एवं अंडाशय के कैंसर से बचाव।
कृत्रिम आहार एवं बोतल से दूध पिलाने के खतरे :
- पोषक तत्वों का अभाव, सुपाच्य नहीं
- कुपोषण एवं संक्रमण के खतरे
- दस्त, सांस के और अन्य संक्रमण
- बौद्धिक विकास में कमी की सम्भावना
- बचपन में मृत्यु की संभावना