SIP में भी डूब सकता है पैसा मगर….
सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP), आज की तारीख में ये लोगों के लिए निवेश या यूं कहें रिटायरमेंट से लेकर फ्यूचर प्लानिंग का एक सबसे बेहतरीन विकल्प बन गया है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि एसआईपी ने मनचाहा रिटर्न नहीं दिया या आपका एसआईपी में लगाया पैसा डूब गया, तब आप क्या करेंगे. अगर ऐसा होता है तो इससे बचाव का तरीका कौन सा है?
किसी भी तरह के कैलकुलेशन या स्पेक्युलेशन को सही करने का एक फिक्स फॉर्मूला है कि उसके सही होने की गुंजाइश फ्यूचर में बहुत दिन बाद की रखी जाए, ताकि जब उसे वेरिफाई करने की बात आए, तब तक आपको कैलकुलेशन ही याद नहीं रहे.कुछ ऐसा ही मामला एसआईपी का है; एसआईपी में आपको आज जो भी फ्यूचर कैलकुलेशन प्राप्त होती है, वह आप बीते 20 सालों के रिकॉर्ड के आधार पर करते हैं.
जैसे आपको एसआईपी में बताया जाता है कि शेयर बाजार का बीते 20 साल का एवरेज रिटर्न क्या है, इसी के आधार पर फ्यूचर का प्रिडिक्शन किया जाता है. लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है कि फ्यूचर में मार्केट उस तरह से परफॉर्म ना करें, जैसा पहले किया है.
ऐसा भी संभव है कि आपकी एसआईपी ऐसे साइकिल में इंवेस्टमेंट कर रही हो जब मार्केट की परिस्थितियां प्रॉपर नहीं हों. या ये भी संभव है कि आपको एसआईपी से जब पैसा निकालने की जरूरत हो, उस समय मार्केट की परिस्थितियां अनुकूल ना हो. तब क्या आपका एसआईपी काम करेगा?
ईटी की एक खबर के मुताबिक जब आप शेयर बाजार में लगातार 5 साल बुरे देखते हैं. अपने निवेश को गिरता हुए देखते हैं, तब आप पर इसका साइक्लोजिकल असर भी पड़ता है. ऐसे में एसआईपी उतना अच्छा विकल्प नहीं दिखता जितना अभी पिछले 20 सालों के डेटा के आधार पर कैलकुलेट करके लगता है. भविष्य को जानना आसान नहीं है, खासकर इक्विटी में.
अगर आप चाहते हैं कि आपकी एसआईपी आपके कैलकुलेशन के हिसाब से सही रिजल्ट दे, तब आपको ये समझना होगा कि अगले 20-25 साल में महंगाई के अलावा आपके निवेश को कौन-कौन सी परेशानियों का सामना करना होगा. एसआईपी के मनचाहा रिजल्ट देने से ज्यादा ये बात मायने रखती है कि बाजार की चाल क्या है.
ध्यान रखिए, कोई भी एसआईपी स्कीम तभी अच्छी होती है, जब उसमें बुल फेज में महंगे खरीदे गए शेयर को मार्केट के गिरावट के दौर में और ज्यादा शेयर खरीद के एवरेज किया जाता है.एसआईपी में एक मूल सिद्धांत काम करता है, वह है पहले 10 साल कॉपर्स का निर्माण करना, उसके अगले 10 साल कॉर्पस के पैसे का ग्रोथ करना और उसके बाद विड्रॉल करना. अगर फ्यूचर में इसमें से एक भी मोड़ पर मार्केट आपका साथ नहीं देता है, तो आपकी एसआईपी मनचाहा रिजल्ट नहीं देगी.
अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेश फ्यूचर में आपका साथ दे, तो सबसे बड़ी सीख ये है कि आपको अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहिए. मसलन आपका कुछ पैसा इक्विटी, कुछ एफडी, कुछ बॉन्ड, कुछ रियल एस्टेट और कुछ गोल्ड में भी सेव होना चाहिए. इतना ही नहीं अगर आप एसआईपी में भी निवेश कर रहे हैं, तब आपके पास अलग-अलग तरह के फंड्स होने चाहिए, जो आपके निवेश को एक बैलेंस दें. इसके अलावा मंदी के साइक्लोजिकल प्रेशर के वक्त आपको और अधिक एसआईपी इंवेस्टमेंट करने की जरूरत होगी.