सावरकर के नाम पर कॉलेज खोलकर अंबेडकर को चिढ़ाना चाहती है मोदी सरकार- शाहनवाज़ आलम
सावरकर ने बाबा साहब अंबेडकर की अध्यक्षता में निर्मित संविधान के बजाए मनुस्मृति के अनुसार देश को चलाने की वकालत की थी। इसीलिए मोदी जी उनके संविधान विरोधी विचार से प्रभावित होकर सावरकर के नाम से दिल्ली में कॉलेज बनाकर दलितों और पिछड़ों को चिढ़ाना चाहते हैं।
ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 176 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संसद में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने के बाद अंबेडकर विरोधी सावरकर के नाम पर कॉलेज बनाने की घोषणा करके बाबा साहेब अंबेडकर का लगातार दूसरी बार अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सावरकर के हिंदू महासभा ने हिंदू कोड बिल पास करने की कोशिशों के खिलाफ़ अंबेडकर और नेहरू का दिल्ली में पुतला फूँका था। आज उसी दिल्ली में सावरकर के नाम पर कॉलेज की आधारशिला रखकर मोदी सरकार ने अंबेडकर और नेहरू के प्रति अपने नफ़रत को फिर से उजागर कर दिया है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अंग्रेज़ों से माफी मांगने वाले सावरकर के नाम पर कॉलेज खोलकर मोदी सरकार न सिर्फ़ स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही है बल्कि युवा पीढी को भी डरपोक बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन में आरएसएस द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़े लोग कभी भी शामिल नहीं पाए जाते हैं। जिसकी वजह है कि रोज़ स्कूल में सावरकर की फोटो देखने से उनके अंदर कायरपन आ जाता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए यह शर्म की बात होनी चाहिए कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के बावजूद 2023 – 2024 में 37 लाख छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया जिसमें 16 लाख लड़कियाँ हैं।