किसानों की समस्याओं को हल करे मोदी सरकार, 16 को विरोध प्रदर्शन का आह्वान: किसान सभा
रायपुर।
अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कुछ किसान संगठनों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर सेना तैनात करने, किसानों पर लाठीचार्ज करने, रबर बुलेट से मारने, ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़ने और सामूहिक गिरफ्तारी जैसे दमनात्मक कार्यवाही करने की कड़ी निंदा की है और 16 फरवरी को गांवों में विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है। इस दिन संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा देशव्यापी ग्रामीण बंद और औद्योगिक हड़ताल का भी आह्वान किया गया है।
आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते ने कहा है कि अपनी मांगों को लेकर संसद पर प्रदर्शन करना हर नागरिक और संगठन का लोकतांत्रिक अधिकार है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों और समुदायों के ज्वलंत मुद्दों को हल करे और उनकी आजीविका की रक्षा के लिए ठोस समाधान करे। आम जनता के इस अधिकार पर किसी भी सरकार के दमन को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
किसान सभा नेता ने आरोप लगाया है कि बातचीत करके समस्या का समाधान निकालने की जगह मोदी सरकार देश के किसानों के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार कर रही है। ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले गिराना इसी बात का सबूत है। यह सरकार अपने जुमलों के लिए कुख्यात है और वादाखिलाफी उसके चरित्र में है। वर्ष 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने वादा किया था कि किसानों को सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देंगे, पिछले वर्ष इसी मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ उन्होंने लिखित समझौता किया था, लेकिन अपने वादे और समझौते को उन्होंने आज तक पूरा नहीं किया है। इस वादाखिलाफी के कारण मोदी सरकार ने आम जनता का विश्वास खो दिया है।
किसान सभा ने आह्वान किया है कि किसान आंदोलन पर इस भारी दमन और मोदी सरकार की किसान विरोधी और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को आहूत ग्रामीण बंद को सफल बनाएं और गांव-गांव में विरोध प्रदर्शन आयोजित करें। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी मोदी सरकार की किसान विरोधी, कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों और किसान आंदोलन पर इस बर्बर दमन के खिलाफ व्यापक एकता कायम करने की अपील की है।