मोदी सरकार ने खेलरत्न अवार्ड से राजीव गाँधी का नाम हटाया
मेजर ध्यानचंद के नाम से अब दिया जायेगा खेलों का यह सर्वोच्च अवार्ड
अदनान
देश में बहुत दिनों से हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लगातार उठती रही है, लेकिन किसी भी सरकार ने उन्हें इसके लायक नहीं समझा, अलबत्ता यह ज़रूर हुआ है कि अब उनके नाम खेल रत्न पुरूस्कार दिया जायेगा, यह अलग बात है कि अभी तक यह पुरूस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के नाम पर था. प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है.’
हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविश्वसनीय योगदान रहा है. उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे. इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, जिससे उनके बेहतरीन प्रदर्शन का पता चलता है.
मोदी सरकार के इस फैसले पर राजनीति होना लाज़मी है, सवाल यह है कि जब खेल प्रेमी सालों से मेजर ध्यान चंद को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की मांग कर रहे थे तो सरकार क्या कर रही थी, क्या यह ज़रूरी था कि किसी और के नाम से शुरू किये गए अवार्ड को हॉकी के जादूगर के नाम से जोड़ा जाय, क्या सरकार इतनी गयी गुज़री हो गयी कि एक नया अवार्ड भी नहीं शुरू कर सकती?