लखनऊ
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस फिलिस्तीन पर इज़रायली हमले के खिलाफ़ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी द्वारा किए गए ट्वीट वाला बैनर प्रदेश भर में लगा रही है.

प्रियंका गाँधी ने हाल ही में किए गए ट्वीट में कहा था कि “सही सोच वाले हर एक व्यक्ति यहाँ तक की इज़राइली नागरिक भी जो हिंसा और नफ़रत में यकीन नहीं रखते और दुनिया की हर सरकार की यह नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वो इज़राइली सरकार द्वारा किए जा रहे जनसंहार की निंदा करे और उसे रोकने का दबाव बनाए”.

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में कहा कि प्रदेश भर में मुहल्लों और चौराहों पर लगाए जा रहे इस बैनर के बैकग्राउंड में फिलिस्तीन के दिवंगत नेता यासिर अराफात की पूर्व प्राधनमन्त्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी जी के साथ वार्ता करती हुई तस्वीर भी है. जिसका मकसद यह बताना है कि भारत और कांग्रेस शुरू से ही फिलिस्तीन पर इज़रायल के क़ब्ज़े का विरोधी रहे हैं और वो भारत की तरह ही हर पराधीन देश की आज़ादी चाहते हैं.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि भाजपा शासन में फिलिस्तीन की आज़ादी के समर्थन में बोलने पर लोगों को गिरफ्तार कर लिया जा रहा है. जबकि 1977 में 29 नवम्बर को संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल एसेम्बली ने भी पूरी दुनिया में फिलिस्तीनी अवाम के साथ उनके संघर्ष में एकजुटता दिवस घोषित किया है. इस दिन पूरी दुनिया में फिलिस्तीन की आज़ादी के समर्थन में लोग फिलिस्तीनी झण्डे के साथ मार्च निकालते हैं.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि चूंकि आरएसएस अंग्रेज़ों के खिलाफ़ भारतीय अवाम के स्वतंत्रता आंदोलन का विरोधी था इसलिए वो फिलिस्तीन की आज़ादी का भी विरोधी है. उन्होंने कहा कि बैनर और होर्डिंग लगाने का मकसद तीसरी दुनिया के देशों के साथ भारत की ऐतिहासिक एकजुटता का प्रदर्शन करना और नई पीढी को गाँधी परिवार की वैश्विक स्वीकार्यता से परिचित कराना है.