मौलाना राबे हसनी नदवी ने इस्लाम की तालीम को अपने चरित्र में ढाल लिया था: सैफ अब्बास
लखनऊ:
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कन्वेंशन ने शनिवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी और सचिव जफरयाब जीलानी एडवोकेट की याद में हुसैनगंज स्थित होटल अवध कोर्ट में शोक सभा का आयोजन किया. इस शोक सभा में शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी, ईदगाह ऐशबाग के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली, पूर्व एमएलसी और कन्वेंशन के अध्यक्ष सिराज मेंहदी, पूर्व मंत्री इंसराम अली और अंतरराष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली खासतौर पर मौजूद रहे.
मौलाना सैफ अब्बास ने इस मौके पर कहा कि मौलाना राबे हसनी नदवी ने इस्लाम की तालीम को अपने चरित्र में ढाल लिया था. यही वजह है कि उनकी बात पर सभी राजी थे. उन्होंने तय कर लिया था कि वह किसी के भी दरवाजे पर नहीं जाएंगे, जिसे भी कोई मशविरा करना हो वह खुद आये.
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि मौलाना राबे हसनी नदवी ने अपने किरदार को इतना बुलंद किया उनके जनाजे में लाखों की तादाद में लोग शामिल हुए. उन्होंने कहा कि जफरयाब जीलानी ने कौम और मिल्लत के लिए जो किया उसी तरह से अब बाकी लोगों को भी सोचना चाहिए.
पूर्व मंत्री इंसराम अली ने कहा कि मौलाना राबे हसनी नदवी और जफरयाब जीलानी के अचानक चले जाने से एक ऐसा गैप बन गया है कि अब कौम और मिल्लत का काम देखने वाला कोई नहीं है. अब कोई उतना काबिल नजर नहीं आता.
अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन के सचिव अतहर नबी ने कहा कि राबे हसनी नदवी चार बार आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्विरोध अध्यक्ष बने. उनके नाम पर कभी कोई विवाद नहीं हुआ. हसन काजमी के संचालन में हुई इस शोक सभा में अनवर इलाही, डॉ. रमेश दीक्षित, वंदना मिश्रा, अमीर हैदर, मोहम्मद नासिर, वसी उल्ला आजाद, विनोद मिश्र और नदीम खां आदि मौजूद रहे