मजलिसे शूरा का फैसला: मौलाना अरशद मदनी बने दारुल उलूम के सदर मुदर्रिस
मुफ़्ती अबुल कासिम शेखुल हदीस, क़ारी उसमान मंसूरपुरी कारगुज़ार मोहतमिम बनाये गए
तौसीफ कुरैशी
देवबंद: तीन दिन तक चली दारुल उलूम देवबंद की मजलिसे शूरा ने बड़ा फैसला करते हुए जमीयत उलेमा हिंद के सद्र (अध्यक्ष) मौलाना अरशद मदनी को सदर मुदर्रिस, मोहतमिम मुफ़्ती अबुल क़ासिम नोमानी को शेखुल हदीस और जमीयत सदर कारी उसमान मंसूरपुरी को कारगुज़ार मोहतमिम बनाया है. इसके अलावा मौलाना नेमतुल्लाह को भी मुआविन शेखुल हदीस बनाया गया है.
शूरा ने जामिया बदरुल गढ़ी दौलत (कांधला) के मोहतमिम मौलाना आकिल क़ासमी को दारुल उलूम देवबंद की शूरा का मेंबर बनाया है. काबिले ऐतिमाद ज़राए से पता चला है कि शूरा ने एक कमेटी भी बनाई है जो जमीयत को एक करने की कोशिश करेगी. ये खबर काबिले ज़राए के हवाले से है, दारुल उलूम देवबंद की तरफ से अभी इसकी तस्दीक नहीं हुई है.
मीटिंग में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी, शूरा मेंबर और एमपी मौलाना बदरुद्दीन अजमल, साबिक मोहतमिम मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी, मौलाना अलीम फारूकी, मौलाना अनवारुल हक, मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना शफीक बैंगलुरु, सैयद अंजर हुसैन मियां, मौलाना महमूद, मौलाना आकिल सहारनपुर, मौलाना मलिक मोहम्मद इब्राहीम, मौलाना इस्माईल मालेगांव, हकीम कलीमुल्लाह अलीगढ़, सैयद हबीब अहमद, मौलाना निजामुद्दीन मौजूद रहे.