दिल्ली:
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशियों का ऐलान करने में जुटी है। भाजपा और कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की 2-2 सूचियां जारी कर चुकी है। ऐसे में कई सीटों पर बगावत भी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस की तुलना में भाजपा में बगावत ज्यादा देखने को मिल रही है। पार्टी को अलवर, जयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, उदयपुर समेत कई सीटों पर बगावत का खतरा है। अगर बागी चुनाव में पर्चा दाखिल करते हैं तो पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है।

ऐसा ही विरोध मकराना विधानसभा सीट से सामने आ रहा है। मकराना विधानसभा से पार्टी ने सुमित्रा भींचर को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में युवा नेता और सरपंच प्रकाश भाकर ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। सरपंच के आह्वान पर पार्टी के एक साथ 4500 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं। इनमें 190 बूथ अध्यक्ष, 5 मंडल अध्यक्ष, 17 आईटी संयोजक, तीन मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा से और 3500 से अधिक पन्ना प्रमुखों ने जिला अध्यक्ष को इस्तीफे सौंपे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि सभी ने सामूहिक इस्तीफे सौंपे हैं।

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भाकर लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। हर मोर्चे पर सरकार का विरोध किया लेकिन फिर भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। उनकी जगह पर सुमित्रा भींचर को टिकट देना गलत है। वहीं प्रकाश भाकर ने कहा कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि प्रदेश में भाजपा अब तक 124 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। उसमें 10 सीटों पर प्रत्याशियों का खुला विरोध हो रहा है। अगर बगावत नहीं रोकी गई तो पार्टी को आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।