मनुष्य का कर्म उनके सामने आता ही है, केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर शमिष्ठा मुख़र्जी
नई दिल्ली:
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को केजरीवाल और अन्ना हजारे की अगुवाई में ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ टीम को दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ गैर-जिम्मेदार, निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल और उनकी टीम ने शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के ढेर सारे आरोप लगाये लेकिन वो कांग्रेस नेता दीक्षित के खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश कर सके। उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन पर हमला करते हुए कहा कि मनुष्य का कर्म उनके सामने आता ही है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने कई लोगों पर निराधार आरोप लगाए थे, अब वे अपने उन्हीं कर्मों का परिणाम भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा, “वह और अन्ना हजारे गुट कांग्रेस के खिलाफ सबसे गैर-जिम्मेदार, निराधार और बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए जिम्मेदार थे। उनके आरोपों की जद में मुख्यरूप से शीला दीक्षित थीं। केजरीवाल ने कहा था कि उनके पास दीक्षित के खिलाफ ‘ढेर सारे सबूत’ हैं। अब तक किसी ने उस सबूत को नहीं देखा। उनका कर्म उनको भारी पड़ा है।”
इससे पहले शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि पार्टी और उसके नेतृत्व की उनकी हालिया आलोचना के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कांग्रेस समर्थकों द्वारा बुरी तरह से ट्रोल किया गया है।
मुखर्जी ने कहा, “जब से मेरे पिता पर किताब आई है। मैंने उनकी डायरियों और राहुल गांधी के बारे में कुछ टिप्पणियों से बहुत कुछ लिया है। उन्होंने (प्रणब) कहा था कि वह (राहुल) अभी तक राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हुए हैं और वह गंभीर नहीं लगते हैं। हालांकि मेरे पिता ने कांग्रेस के बारे में बहुत प्रशंसा की है, लेकिन सब कुछ नजरअंदाज कर दिया गया और कांग्रेस सोशल मीडिया और कुछ कांग्रेस नेता मेरे खिलाफ बोल रहे है।”
उन्होंने कांग्रेस की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ”कुछ दिन पहले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के मौके पर मैंने एक साक्षात्कार में एक बयान दिया था और मुझसे कांग्रेस के बारे में मेरे विचार पूछे गए थे। मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं एक कांग्रेसी हूं और राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस का अभी भी बहुत महत्व है लेकिन कांग्रेस को गांधी-नेहरू परिवार के नेतृत्व से परे देखना चाहिए।”