दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया जेल से रिहा हो गए हैं. सिसोदिया करीब 17 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिन में ही जमानत दी थी. इसके बाद जमानत से जुड़ी कार्रवाई पूरी होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया है. दिल्ली आबकारी मामले में आरोपी सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 में गिरफ्तार किया था. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ईडी ने 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया.

सिसोदिया को लेने के लिए पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल पहुंचे थे. सिसोदिया की एक झलक पाने के लिए जेल के बाहर बड़े संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. सभी ने जिंदाबाद के नारों से सिसोदिया का स्वागत किया. पूर्व डिप्टी सीएम भी अपनी गाड़ी से लोगों का अभिवादन करते हुए नजर आए.

सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पार्टी ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया को जमानत दी है. पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से तो और भी जमानत मिलती रही है, लेकिन दिल्ली के लोगों को 17 महीने से सुप्रीम कोर्ट से जो उम्मीद थी वो आज पूरी हो गई है.

वहीं, पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि सिसोदिया जी की जमानत, तानाशाही, हिटलरशाही और मोदी सरकार के ऊपर एक तमाचा है. सिसोदिया के खिलाफ ईडी और सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिला. जांच एजेंसी की ओर से रेड पर रेड डाली गई लेकिन सबूत नहीं मिले. इसलिए केस में देरी करते रहे.

उन्होंने कहा कि शिक्षा क्रांति करने वाले जेल में डाल दिया गया. स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति करने वाले सत्येंद्र जैन को जेल में डाल दिया. मैं सवाल करता था तो मुझे भी जेल में डाल दिया था. सरकार का इरादा जांच नहीं बल्कि विपक्ष की आवाज को दबाना था.

राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि 17 महीने का हिसाब कौन देगा? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से जमानत मिली थी तो बिना आदेश की कॉपी के ईडी ने जाकर रोक लगवा दी.सरकार को कम से कम अब इस तरह की राजनीति को बंद करने देनी चाहिए. आपके पास कोई सबूत नहीं है. जांच एजेंसियों को एक रुपया नहीं मिला है.