‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को मणिपुर सरकार ने अभी तक नहीं दी है अनुमति
इम्फाल:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में हुई ताजा हिंसा के बाद सूबे की बीरेन सिंह सरकार ने अभी तक राहुल गांधी के यात्रा कार्यक्रम को हरी झंडी नहीं दी है। हाल ही में भारत-म्यांमार सीमा पर मणिपुर पुलिस और उग्रवादियों के बीच हुई गोलीबारी के कारण मोरेह में स्थिति अब भी बेहद गंभीर बनी हुई है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हालात की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा,”सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार सशस्त्र कर्मियों को पकड़ने के लिए असम राइफल्स, बीएसएफ और राज्य पुलिस की संयुक्त टीम लगातार प्रयास कर रही है और वर्तमान में सुरक्षा बलों द्वारा बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
वहीं राहुल गांधी की यात्रा के संबंध में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा, “उनकी रैली को अनुमति देने पर गहन विचार चल रहा है। हम मौजूदा हालात के बारे में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं। सभी रिपोर्ट मिलने के बाद ही हम उनकी यात्रा के संबंध में कोई ठोस निर्णय ले पाएंगे।”
मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी अपने राष्ट्रीय प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में 14 जनवरी को इंफाल पूर्वी जिले के हट्टा कांगजेइबुंग से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू करने जा रही है।
इस संबंध में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुवाहाटी में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पार्टी अभी भी मणिपुर सरकार से अनुमति का इंतजार कर रही है, जिसने उन्हें सूचित किया है कि आवेदन केंद्र से “अनुमोदन” के लिए लंबित है।
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 66 दिनों की एक महत्वाकांक्षी यात्रा है, जिसमें राहुल गांधी बस और पैदल 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। इस दौरान यह यात्रा देश के 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों से होकर 20 मार्च को मुंबई पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन होगा।
जहां तक मोरेह हिंसा की बात है तो बीते सोमवार को हुई गोलीबारी में आतंकवादियों ने शहर के कुछ हिस्सों में तैनात सुरक्षा बलों को निशाना बनाया। सुरक्षा अधिकारियों ने हमले के दौरान मोर्टार गोले के इस्तेमाल की सूचना दी है, हालांकि दोनों तरफ से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।