लखनऊ में पूरी शान ओ शौकत से निकलेगा जुलूसे मदहे सहाबा: मौलाना अब्दुल अलीम फ़ारूक़ी
लखनऊ:
मजलिस तहफ़्फ़ुज़े नामूसे सहाबा के तत्वाधान 12 रबीउल अव्वल को निकलने वाले सुन्नियों के ऐतिहासिक जुलूसे मदहे सहाबा की तैयारियों के संबंध में मैलाना अब्दुल शकुर हाल हाता शौक़त अली रकाबगंज लखनऊ में एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें लखनऊ पुलिस के उच्च अधिकारी शामिल हुए।
इस मौक़े पर मौलना अब्दुल अलीम फ़ारूक़ी ने कहा के ये जुलूस शिया सुन्नी समझौते के अनुसार 1998-99 से लगातार शांतिपूर्ण तरीक़े से मजलिस तहफ़्फ़ुज़े नामूसे सहाबा के तत्वाधान निकाला जाता रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शरीक होते हैं। इस बार भी ये जुलूस अपनी पिछली परंपराओं के अनुसार पूरी शान ओ शौकत से निकाला जाएगा। मौलाना ने आगे कहा कि पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मदﷺ साहब और उनके सहाबा के साथ हमारा मज़हबी रिश्ता है और दीन की तमाम बातें इन पवित्र व्यक्तियों के माध्यम से उम्मत तक पहुचीं हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शिया सुन्नी समझौते के अनुसार तमाम जुलूस सकुशल संपन्न हो चुके हैं इसलिए अब इस अंतिम प्रोग्राम यानी जुलूसे मदहे सहाबा के लिये भी सारी तैयारियाँ हो चुकी हैं और हम चाहते हैं कि तमाम शहरियों का सहयोग मिले ताकि इस जुलूस को पहले से ज़्यादा शानदार तरह से निकाला जा सके।
डीसीपी राहुल राज ने कहा जुलूस पहले की तरह पूरी कामयाबी कि साथ निकलेगा जहां पर पुलिस की आवश्यकता होगी, पुलिस पूरी तरह सहयोग करेगी।
एडीसीपी चिरंजीव सिन्हा ने कहा सभी प्रोग्राम यानी जुलूस मदहे सहाबा और गणपति पूरे अमन ओ शांति के साथ संपन्न कराने कि लिये पुलिस की टीम पूरी तरह तैयार है।
इस मौके पर मजलिस के सचिव मौलाना अब्दुल अज़ीम फ़ारूक़ी ने जुलूस के रास्ते में पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा मिलने वाले सहयोग और मजलिस तहफ़्फ़ुज़े नामूसे साहबा द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में बताया, जिस पर संयुक्त पुलिस आयुक्त ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक के दौरान डीसीपी वेस्ट श्री राहुल राज, एडीसीपी वेस्ट श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा, एसीपी चौक सुनील कुमार शर्मा और एसीपी क़ैसरबाग़ श्री प्रकाश चंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहे। आधिकारियों के अलावा बैठक में मौलाना अब्दुल बारी फ़ारूक़ी , हाजी शीराज़ुद्दीन, अयाज़ अहमद, मौलाना सईद अतहर, शोएब भैया, हाजी एजाज़ चांदीवाले, अब्दुल मालिक फ़ारूक़ी, हसन अब्दुल सलाम फ़ारूक़ी शहाबुद्दीन क़ुरैशी, साजिद ख़ान और अब्दुल्ला अंसारी मौजूद थे।