लखनऊ: लव जिहाद कानून बना रज़ामंदी की शादी में रोड़ा
डीएम की अनुमति के लिए अब करना होगा दो महीने इंतज़ार
लखनऊ: यूपी में हाल में लागू हुए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मद्देनजर पुलिस द्वारा लखनऊ में एक शादी को रूकवाने का मामला सामने आया है। दो धर्मों के लोगों के बीच होने वाली इस शादी को पुलिस ने नए कानून का हवाला देते हुए रूकवा दिया। इस शादी में दुल्हन हिंदू थी और दूल्हा मुस्लिम धर्म से था।
हिंदू महासभा की सूचना पर रुकवाई शादी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार केमेस्ट्री से पोस्टग्रेजुएट 22 साल की रैना गुप्ता और फार्मासिस्सट मोहम्मद आसिफ (24) की ये शादी जिले के हिंदू महासभा प्रमुख की ओर से दी गई सूचना के आधार पर रोकी गई।
कोई FIR दर्ज नहीं
इस मामले में हालांकि कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई क्योंकि दोनों परिवारों ने डीएम से इजाजत हासिल करने तक शादी को टालने का फैसला किया। नए नियमों के अनुसार दो धर्मों के लोगों के बीच शादी के लिए डीएम को 2 महीने पहले सूचना देनी होती है। ऐसे में रैना और आसिफ को अब कम से कम दो महीने इंतजार करना होगा।
हिन्दू-मुस्लिम रीति-रिवाजों से होनी थी शादी
एडिशन डीसीपी (साउथ जोन) सुरेश चंद्र रावत ने बताया, ‘पुलिस जब शादी की जगह पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि हिंदू रिति-रिवाजों के तहत शादी कराने की तैयारी चल रही थी। इसके बाद मुस्लिम रिवाज से शादी कराई जानी थी। ये शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हो रही थी। हालांकि, ये तमाम रिवाजों को बिना धर्मांतरण के नहीं किया जा सकता था।’
जबरन धर्म-परिवर्तन की बात नहीं
लड़की के पिता विजय गुप्ता ने बताया कि इस मामले में कोई जबरन धर्म-परिवर्तन की बात नहीं थी और दोनों परिवार इस शादी के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा, ‘पुलिस के बताने से पहले मुझे नहीं मालूम था कि दोनों पक्षों की रजामंदी के बावजूद दो धर्मों के लोगों के बीच शादी के लिए डीएम से इजाजत लेनी होगी। मैं पुलिस के निर्देश का पालन करूंगा और डीएम से इसकी इजाजत लूंगा।’ वहीं, लड़का पक्ष ने इस मामले पर फिलहाल कुछ बोलने से इनकार कर दिया।