लखनऊ
हमारे शिक्षक ही ‘नए भारत’ की नई पीढ़ी बनाने का कार्य कर रहे हैं, जो देश के लिए एक ताकत के रूप में उभर कर सामने आएगी। शिक्षक अपने छात्रों में आत्मबल, आदर्श, ईमानदारी, सच्चाई, लगन और मेहनत के साथ ही भारतीय मूल्यों और संस्कारों की भी मशाल जलाएं, जिससे छात्रों का समग्र विकास हो सके, जो राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है।

उक्त उद्गार मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा जी ने विद्या भारती अवध प्रांत, भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र में व्यक्त किए। यह प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम 20 मई, 2022 से सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेक्टर क्यू, अलीगंज, लखनऊ में चल रहा था, जिसका आज समापन हो गया है।

मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा जी ने कहा कि हम आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं, लेकिन आज शिक्षकों को यह सोचकर बच्चों को गढ़ने की जरूरत है कि आजादी के शताब्दी वर्ष (2047) में हमारा देश कैसा होगा, उसके अनुसार उसे तैयार करना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सक्षम, स्वाभिमानी बनाएं, उनके अंदर उत्सुकता जगाएं और समावेशी मूल्यों को सिखाएं, ताकि वह राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सके और दुनिया में शक्ति बनकर उभरे। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छे अंक लाने के लिए प्रेरित करने की बजाय, अच्छा इंसान बनाने पर जोर देना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चे को समझिये ,प्यार करिये और फिर गतिविधियों के माध्यम से उसे सिखाइये। उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानने की जरूरत है, जो शिक्षक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास के साथ ही चरित्र निर्माण जरूरी है, ऐसी शिक्षा देने की आवश्यकता है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह ने बताया कि 20 मई से 29 मई 2022 तक के इस शिविर में 13 जिलों के 80 आचार्य, 10 प्रधानाचार्य, 15 अधिकारी तथा व्यवस्था के 20 आचार्य सहित विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विधाओं के प्रशिक्षकों ने सत्र लिए। शारीरिक , मानसिक, वैचारिक व आध्यात्मिक सत्रों के द्वारा पूर्ण प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जा गया है।

इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका सृष्टि संवाद भारती के नवीन अंक का भी विमोचन किया गया।