कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव से महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा प्रभाव: ताहिरा हुसैन
पांच राज्यों के 67 जिलों में “सामाजिक सुरक्षा और काम मांगों अभियान” की शुरुआत
टीम इंस्टेंटख़बर
उत्तर प्रदेश सरकार के मनरेगा अतिरिक्त आयुक्त श्री योगेश कुमार जी के द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग में एक्शनएड एसोसिएशन द्वारा 5 राज्यों (गुजरात, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, और राजस्थान) के 67 जिलों में “सामाजिक सुरक्षा और काम मांगों अभियान” की शुरुआत की गई जिसमें 5 राज्यों से क़रीब 300 से अधिक लोग जुड़े ।
अभियान का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा एवं रोजगार से जुड़ी योजनाओ के बारे में जागरूक करना और केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ ‘ई श्रम’ पोर्टल मे पंजीकरण करना है | अभियान के माध्यम से असंगठित क्षेत्र श्रमिकों के मनरेगा, न्यूनतम मजदूरी, आवास, भूमि और सामाजिक सुरक्षा जैसे महतपूर्णी मुद्दे सुनिश्चित किया जाएगा |
2017-18 में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSSO) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार देश मे असंगठित क्षेत्रों में करीब 38 करोड़ श्रमिक कार्यरत हैं। इन असंगठित क्षेत्र मे काम करने वाले मजदूरों के रोजगार अनियमित है। इस पर प्राकृतिक आपदा का विपरीत प्रभाव पड़ता है | बहुत क्षेत्र मे मजदूरों की आय निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से काफी कम है। इन असंगठित श्रमिकों में से अधिकांश के पास रोजगार का कोई स्थायी स्रोत नहीं है और उन्होंने अपने मूल स्थानों से दूर विभिन्न स्थानों पर मजदूरी के लिए पलायन करना पड़ता है। जिस कारण श्रमिक केंद्र और राज्य सरकारों के इन कल्याणकारी योजनाओं जैसे मनरेगा, न्यूनतम मजदूरी, आवास, स्वस्थ बीमा और सामाजिक सुरक्षा से वंचित रह जाते है |
बैठक मे उपस्थित ताहिरा हुसैन (सोशल वर्कर) ने महिला मजदूर के मुद्दे पर बातचीत करते हुए बताया की महिलाओ के लिए कार्य स्थल पर मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय आदि की व्यवस्था का अभाव है, जिसका सीधा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।
उन्होंने बताया की घर और बाहर कार्य कर रही महिला मजदूरों के लिए सम्मान , रोजगार, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है |
वहीं मनरेगा के अतिरिक्त आयुक्त योगेश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा मजदूर के लिए कई महत्वपूर्ण योजना है, जिसमे 20-39 मजदूरों पर एक महिला मेड होगी। त्रैमासिक रजिस्टर मे लगभग 48 हजार महिलाओ को महिला मैड के तौर पर काम मिलेगा, जिससे उनकी सालाना आय बीस हजार चार सो रुपया होगी। लक्ष्य मे 5 लाख लोगों को व्यतिगत कामों के लिए लाभ सुनिश्चित किया जायेगा और मिशन 20 मे 100 परिवारों को हर एक पंचायत में काम की गारंटी सुनिश्चित की जायेगी।
इन योजनाओं को साथ जोड़कर उनको आयुष्मान भारत बीमा का भी लाभ मिल सकता है और साथ ही साथ उनकी सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी | उत्तर प्रदेश उपश्रम आयुक्त सामाजिक सुरक्षा बोर्ड शमीम अख्तर ने ई-श्रम पोर्टल जानकारी देते हुए कहा कि इस पोर्टल का शुभारंभ प्रधान मंत्री द्वारा 26 अगस्त 2021 को किया गया है।
एक्शन ऐड एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचरा ने बताया कि अभियान की पहल बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक है| इसे वंचित समुदायों तक लेकर जाना चाहिए । इसमे मजदूर खास तौर पर महिला मजदूरों को शिक्षा, स्वास्थ्य और बाल मजदूरी पर ध्यान देने की जरूरत है| सामाजिक सुरक्षा के लिए जमीन, आवास, भोजन और न्यूनतम मजदूरी आदि को विशेष रूप से संज्ञान में लेकर कार्य करने की जरूरत है | खालिद चौधरी क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ, एक्शन ऐड द्वारा इस अभियान का पोस्टर को लॉन्च किया और बताया कि इस अभियान को हम मिल कर 5 राज्यों में धरातल पर ले जाएंगे और मजदूरों को सशक्त करेंगे।