कोहली अब नहीं रहे किंग, 8 बार एक ही तरीके से हुए आउट
17 साल के इंटरनेशनल करियर में विराट कोहली को इतना बेबस शायद ही कभी देखा होगा। एक कमजोरी के आगे टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज ने घुटने टेक दिए। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में विराट के लिए ऑफ स्टंप की लाइन काल बन गई। टीम इंडिया की रन मशीन कहे जाने वाले कोहली ऑस्ट्रेलियाई दौर पर मानो खुद से हार गए।
सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में जब वह ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगाकर पवेलियन लौटे, तो उनके चेहरे पर झल्लाहट साफतौर पर दिख रही थी। ऐसा लगा कि विराट ने सबकुछ कर लिया, पर वह इस कमजोरी से पार नहीं पा सके। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में कोहली कुल 9 बार बल्ला थामकर मैदान पर उतरे, जिसमें से 8 बार किंग कोहली ने अपना विकेट एक ही तरह से गंवाया।
विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे, तो कंगारू मीडिया ने भी उनकी तस्वीरें छापते हुए हेडलाइन में किंग कोहली का नाम दिया था। भारतीय फैन्स और टीम मैनेजमेंट को भी यही उम्मीद थी कि विराट का बल्ला अपने पसंदीदा मैदानों पर खूब रन उगलेगा। पर्थ में शुरुआत भी गदर हुई और दूसरी ही इनिंग में विराट ने जोरदार शतक ठोका। सेंचुरी के साथ लगा कि खराब फॉर्म से कोहली का पीछा छूट चुका है और यह दौरा विराट के ट्रैक से उतरते करियर में संजीवनी का काम करेगा। मगर ऑफ स्टंप से बाहर जाती हुई गेंदों ने मानो कोहली के दिमाग पर वार कर दिया।
कंगारू तेज गेंदबाजों को जब इस कमजोरी की भनक लगी, तो उन्होंने हर बार विराट को पवेलियन भेजने के लिए यही मास्टर प्लान अपनाया। मानसिक तौर पर बेहद मजबूत माने जाने वाले विराट ऑफ स्टंप से बाहर निकलती गेंदों के खिलाफ कब असहाय हो गए इसका पता ही नहीं चल सका।
कोहली की पारियां और उनके आउट होने के अंदाज को देखते हुए लगा कि यह कमजोरी उनके लिए वाकई ‘विराट’ बन गई। मेलबर्न टेस्ट की इनिंग में कोहली ने 86 गेंदों का सामना किया और ऑफ स्टंप से बाहर जाती हुई गेंदों को लगातार छोड़ते रहे। हालांकि, इस लाइन के खिलाफ कोहली खुद को शॉट खेलने से ज्यादा देर रोक नहीं सके और कीपर को कैच देकर चलते बने। विराट की यह कमजोरी साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर भी सामने आई थी, मगर तब भारतीय बल्लेबाज ने इस कमजोरी को अपने दिमाग पर हावी होने नहीं दिया था।
विराट कोहली बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में एक नए-नवेले गेंदबाज के आगे बेबस दिखे। स्कॉट बोलैंड ने टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज को पूरी सीरीज में तंग किया। बोलैंड के खिलाफ कोहली चार बार आउट होकर पवेलियन लौटे और हर बार लाइन वही थी ऑफ स्टंप के बाहर वाली। बोलैंड ने पूरी सीरीज में कोहली को सिर उठाकर पवेलियन लौटने का मौका नहीं दिया। हेजलवुड की जगह टीम में आए इस कंगारू तेज गेंदबाज ने कोहली की फॉर्म और टेस्ट करियर दोनों पर जबरदस्त वार किए। कोहली के करियर का ग्राफ दिन-प्रतिदिन अब नीचे गिर रहा है। विराट शारीरिक तौर पर खूब फिट हैं, लेकिन शायद मानसिक तौर पर अब बढ़ती उम्र और खराब फॉर्म हावी होने लगी है। यह कहना अब गलत नहीं होगा कि कोहली का ‘विराट’ करियर अब ढलान पर है।