जानिए गैस सिलेंडर की सब्सिडी का खेल
नयी दिल्ली। पिछले एक साल में कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी की गिरावट आई है। मगर इसी अवधि में कुकिंग गैस के दाम 20 फीसदी बढ़े हैं। कुकिंग गैस के शुद्ध दामों में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होने से बहुत से ग्राहकों की कुकिंग गैस की सब्सिडी जीरो हो गई है। कुछ ग्राहकों को अभी भी बहुत छोटी सब्सिडी राशि मिल रही है, क्योंकि उनके लिए अंतिम कीमत स्थानीय परिवहन लागत पर निर्भर करती है। सब्सिडी खत्म होने के 2 बड़े कारण हैं, जिनमें सब्सिडी वाले ग्राहकों के लिए शुद्ध मूल्य में मासिक वृद्धि और वैश्विक दरों में हाल ही में आई गिरावट शामिल है। केरोसिन सब्सिडी मार्च से ही खत्म हो गई है। अब लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) पर सब्सिडी खत्म होना सरकार के लिए एक राहत की बात है, क्योंकि अर्थव्यवस्था पर पड़े महामारी के दबाव से इसकी इनकम प्रभावित हुई है।
दिल्ली में सब्सिडी वाले 14-किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत पिछले साल जून में 497 रुपये से बढ़ कर 593 रुपये हो गई। दिल्ली में किसी ग्राहक के लिए सब्सिडी इसी अवधि में 240 रुपये से गिर कर शून्य रह गई है। हालांकि अगर एलपीजी की लागत बढ़े तो इसमें बदलाव हो सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक मई और जून के लिए सब्सिडी नहीं मिलेगी। फ्यूचर में एलपीजी कीमतों में बदलाव आने पर सब्सिडी तदनुसार समायोजित की जाएगी।
ऐसा नहीं है कि किसी को भी सब्सिडी नहीं मिल रही है। बल्कि उन लोगों को बहुत कम यानी 10-12 रुपये की सब्सिडी मिल रही है, जो उच्च मार्केल प्राइस का भुगतान कर रहे हैं। असल में शुल्क के साथ रसोई गैस की कीमतें बदलती रहती हैं। देश के कुल 28 करोड़ एलपीजी ग्राहकों में से लगभग 1.5 करोड़ ग्राहकों को सब्सिडी नहीं मिलती है और अन्य 8 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थी हैं। 2019-20 में सरकार की तरफ से दी गई रसोई गैस सब्सिडी 22,635 करोड़ रुपये थी, जबकि उससे पिछले वर्ष ये 31,447 करोड़ रुपये थी।
एक साल में एलपीजी रिफिल का बाजार मूल्य 737.5 रुपये प्रति सिलेंडर से घट कर 593 रुपये हो गया है, जिसके पीछे कारण कोरोनोवायरस महामारी के चलते मांग में भारी गिरावट की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट है। बता दें कि एलपीजी कच्चे तेल से प्राप्त होती है। इसी दौरान सरकार के निर्देश पर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 96 रुपये बढ़ कर 593 रुपये हो गई हैं। सरकारी कंपनियों ने अगस्त से सभी ग्राहकों के लिए हर महीने कीमतें बढ़ाई हैं। उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्राप्त करने वाले ग्राहकों के लिए अगस्त में 8 रुपये की वृद्धि हुई, जबकि अन्य के लिए 29 रुपये की वृद्धि हुई। तब से उज्जवला ग्राहकों के लिए रिफिल की दरें भी बढ़ रही हैं।