केएल डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी ने 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 में ‘सर्वश्रेष्ठ संस्थान (स्कूल/कॉलेज के अलावा)’ श्रेणी में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया गया, जहां भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि थीं।

यह प्रतिष्ठित सम्मान जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण द्वारा दिया गया है। यह पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में जल संसाधन प्रबंधन और संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है। विश्वविद्यालय को जल संरक्षण प्रबंधन में अपने सराहनीय प्रयासों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह पहचान मिली है।

राष्ट्रीय जल पुरस्कार उन संस्थानों को दिया जाता है जो जल संरक्षण तकनीकों और जल संसाधन प्रबंधन के स्थायी तरीकों में उत्कृष्टता दिखाते हैं। इस प्रयास के सम्मान में मंत्रालय ने ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किए।

केएल डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर, डॉ. जी पारधा सारधी वर्मा ने इस उपलब्धि के महत्व पर कहा, “राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में पूरे भारत में दूसरा स्थान हासिल करना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे पर्यावरण संरक्षण के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है और भविष्य की पहलों के लिए एक मापदंड स्थापित करता है।”

योजना और विकास के डीन डॉ. वल्लंकी राजेश ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा, “यह पुरस्कार हमारी पूरी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। यह हमारी वर्तमान उपलब्धियों को सम्मानित करता है और हमें जल संरक्षण की पहलों को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।”

विश्वविद्यालय ने जल का सही उपयोग करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए कई सरल तरीके अपनाए हैं। कैंपस में छात्रावासों के लिए डुअल प्लंबिंग सिस्टम, 28 वर्षा जल संचयन गड्ढे, दो खुले कुएं, और भूजल स्तर को सुधारने के लिए पांच बोरवेल हैं। हमने 21 रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट भी लगाए हैं, जो हर घंटे 24,750 लीटर पानी साफ करते हैं। हमारी जल संरक्षण की कोशिशों में 550 सेंसर वाले टॉयलेटऔर 662 से अधिक जल मीटर शामिल हैं, जो पानी के सही प्रबंधन में मदद करते हैं। अपशिष्ट प्रबंधन में, हम सभी प्रकार के कचरे को 100% पुनर्नवीकरण करते हैं, जिससे कैंपस में स्थिरता सुनिश्चित होती है।