तुम दौलत के राजा हम शब्दों के बंजारे हैं
अविरल सेवा संस्थान एवम चारु काव्यांगन के संयुक्त तत्वावधान में संम्पन्न हुआ सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन
लखनऊ: : अविरल सेवा संस्थान व चारु काव्यांगन के संयुक्त तत्वावधान में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा चारबाग बाल संग्रहालय मैदान में राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी में रविवार (8 नवम्बर) को कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह हुआ । कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डॉ दिनेश अवस्थी ने की । मुख्य अतिथि महेश अस्थाना व विशिष्ट अतिथि डॉ मनोज अग्रवाल “गुमनाम लखनवी” कुँवर कुसुमेश , मृदुल शर्मा जी रहे ।
कवि सम्मेलन का संयोजन डॉ शोभा दीक्षित “भावना” व कुशल संचालन रेनू द्विवेदी ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार व ग़ज़लकार हरिमोहन वाजपेयी ‘माधव ‘ को सम्मान पत्र व प्रतीक चिह्न के साथ “साहित्य शिरोमणि” सम्मान से सम्मानित भी किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंम्भ मंजुल मंजर की वाणी वंदना से हुआ कवि सम्मेलन में लखनऊ के सुप्रसिद्व कवि कवयित्री उपस्थित रहे।
डॉ शोभा दीक्षित भावना ने काव्यपाठ कर भाव विभोर कर दिया।
जिसके आप सहारे हैं उसके वारे- न्यारे हैं ।
तुम दौलत के राजा हम शब्दों के बंजारे हैं।।
इसी क्रम में चंद्रदेव दीक्षित ने माँ पर भावुक रचना सुना कर ताली बजाने पर सभी को मजबूर कर दिया।
सर पर जब तक मांँ का आंचल है ,ममतामय संसार बहुत ।।
इसके उपरांत माधव वाजपेयी रचना प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया।
“मुसलसल कातती है सूत बुढ़िया चाँद पर बैठी,
बिना मेहनत किये होता कहाँ किसका गुज़ारा है”
मंजुल मंजर लखनवी ने देश पर रचना प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया
कौन इस सच्चाई से अंजान है।
सबसे बढ़कर अपना हिंदुस्तान है।
इसी क्रम में डॉ हरि फैजाबादी ने रचना प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।
ऐसी-वैसी बातों से तो अच्छा है ख़ामोश रहो
या फिर ऐसी बात कहो जो ख़ामोशी से अच्छी हो
इसके उपरांत सीमा गुप्ता ने मनमोहक काव्यपाठ किया।
मैं बिटिया हूं नवभारत की .. देश की बेटी हूं ..देश को आगे बढ़ाना है सुख समृद्धि लाना है।
इसी क्रम में रेनू द्विवेदी ने प्रेम पर रचना पढ़कर कार्यक्रम को उचाइयां प्रदान की।
रात तारों भरी झिलमिलाने लगी!
मैं तुम्हें रात दिन गुनगुनाने लगी!
ततपश्चात डॉ सुभाषचन्द्र रसिया ने गाँव पर रचना प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया।इसी क्रम में प्रतिभा गुप्ता ने पढ़ा ।
नुमाइश दर्द की करना मुझे अच्छा नही लगता,
हमेशा मुस्कुराती ही मिलूँगी देख लेना तुम।
श्रीश चन्द्र दीक्षित, शिव भजन कमलेश, नरेंद्र भूषण ,रश्मि शील,आलोक रावत,गोबर गणेश,निर्भय नारायण गुप्ता,रेनू वर्मा,योगेश शुक्ला,वर्षा श्रीवास्तव,शिखा सिंह, सर्वेश कुमार शर्मा ,प्रिया सिंह आदि ने मनोहारी काव्यपाठ से कार्यक्रम को उचाइयां प्रदान की। कवि सम्मेलन के अंत में अविरल सेवा संस्थान के कोषध्यक्ष चन्द्रदेव दीक्षित ने सभी का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम को स्थगित किया।