13 कट्स के साथ रिलीज़ हो सकती है कंगना की इमरजेंसी
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन ये फिल्म सेंसर बोर्ड में अटक गई. इस वजह से ये फिल्म अपने तय समय पर रिलीज नहीं हो पाई. अब ऐसी जानकारी सामने आई है कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिया है. हालांकि, रिलीज का रास्ता अभी साफ नहीं हुआ है. सर्टिफिकेट देने के साथ ही सेंसर बोर्ड ने मेकर्स से इस फिल्म में 13 जगह पर बदलाव करने को कहा है.
एक बार फिल्म में बदलाव हो जाए उसके बाद ये पिक्चर रिलीज हो पाएगी. हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि जी-स्टूडियो ने कट लगाने को लेकर कहा है कि इस बारे में सोचने के लिए थोड़ा समय चाहिए. चलिए अब जानते हैं कि फिल्म में क्या-क्या बदलाव करने को कहा गया है.
‘इमरजेंसी’ में ये चीजें बदलने होंगी
सबसे पहले सेंसर बोर्ड ने फिल्म की शुरुआत में एक डिस्क्लेमर जोड़ने के लिए कहा है, जिसमें ये लिखा हो कि ये फिल्म सच्ची घटना से प्रेरित है. जो भी घटना है उसे नाटकीय तरीके से पेश किया गया है. सीबीएफसी ऐसा इसलिए चाहती है, क्योंकि पूरी तरफ से साफ हो जाए कि फिल्म में जो कुछ भी दिखाया जा रहा है, वो पूरी तरह से सच नहीं है.
शुरुआत में ही जवाहरलाल नेहरू का एक सीन है, जिसमें उन्हें ये कहते हुए दिखाया गया है कि चीन ने भारत से असम को अलग कर दिया है. हालांकि, फिल्म में ये डायलॉग कहां से शामिल किया गया बोर्ड ने उसका सोर्स मांगा है. क्योंकि बोर्ड में जो इतिहासकार बैठे थे उन्हें ऐसी घटना को लेकर कोई जानकारी नहीं है
संजय गांधी के किरदार के एक डायलॉग पर भी बोर्ड ने आपत्ति जताई है, क्योंकि उस डायलॉग से ऐसा लग रहा है कि वोट के लिए डील हो रही है. दरअसल, उस डायलॉग में भिंडरावाले संजय गांधी से कहता है- ‘आपकी पार्टी को वोट चाहिए और हमें खालिस्तान’
बताया जा रहा कि इस फिल्म में एक ऐसा सीन है, जिसमें सिख किसी एक ऐसे आदमी को गोली मारता है, जो सिख समुदाय का नहीं है. सेंसर बोर्ड ने इस सीन को डिलीट करने को कहा है. साथ ही 2 मिनट 11 मिनट पर फिल्म में हिंसा हो रही है, उस हिंसा को कम करने को कहा गया है.
एक सीन में इंदिरा गांधी और आर्मी चीफ के बीच बातचीत हो रही है. वहां पर अर्जुन दिवस का जिक्र होता है. यानी सिखों के पांचवें गुरु अर्जन की जयंती. ‘अर्जुन दिवस’ का जो जिक्र हो रहा है बोर्ड ने उसे हटाने को कहा है. बोर्ड का कहना है कि सिख कम्यूनिटी में ऐसा कोई ट्रेडिशन नहीं है.
सीबीएफसी ने ये भी सुझाव दिया है कि जहां पर भी फिल्म में असली फुटेज का इस्तेमाल हुआ है, वहां पर एक स्टैटिक मैसेज दिया जाए. यानी उस मैसेज में कोई मूवमेंट न हो
फिल्म में जो भी जरूरी चीजें हैं, चाहे वो कोई आंकड़ा हो, किसी का बयान हो या फिर कहीं से कोई रिफ्रेंस लिया गया हो, तो उन सबका सोर्स बताना है कि वो चीजें कहां से ली गई हैं
फिल्म में तीन ऐसे सीन हैं, जहां पर भिंडरावाले का किरदार फ्रेम में नहीं है, लेकिन नाम का जिक्र हो रहा है. बोर्ड ने मेकर्स से कहा है कि भिंडरावाले का नाम हटा दिए जाए. जैसा कि ऊपर बताया गया कि फिल्म में 13 बदलाव करने के सुझाव दिए गए हैं. हालांकि, 13 में से चार बदलाव की जानकारी आनी अभी बाकी है.