जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप: ख़िताबधारी भारत की सेमीफाइनल में हार
स्पोर्ट्स डेस्क
जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में लगातार दूसरा बार खिताब जीतने का भारत का सपना आज उस समय टूट गया जब 3 दिसंबर को हुए सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों उसे 2-4 से हार का सामना करना पड़ा. छह बार की चैंपियन जर्मनी ने वर्तमान ख़िताबधारी भारतीय टीम पर पहले हाफ में ही 4-1 की बढ़त हासिल कर ली थी और उसके बाद टीम इंडिया को वापसी का कोई मौका नहीं दिया.
अब अपने सातवें खिताब के लिए जर्मन टीम का सामना फाइनल में अर्जेंटीना से होगा. वहीं भारतीय टीम तीसरे स्थान के लिए फ्रांस का सामना करेगी, जिसे पहले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूटआउट में हराया.
जर्मनी ने पहले क्वार्टर में ही तेज शुरुआत की और भारतीय गोल पर हमले किए, लेकिन भारतीय डिफेंस भी अड़ा रहा और जर्मनी को बढ़त लेने से रोके रखा. हालांकि, इस क्वार्टर के अंत में जर्मनी को बढ़त मिल गई. 15वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर जर्मनी के एरिक क्लाइलाइन ने गोल कर बढ़त दिलाई.
मैच के दूसरे क्वार्टर में जमकर गोल बरसे और दोनों टीमों ने जोरदार आक्रमण किए. इस क्वार्टर में ही जर्मनी ने तीन गोल और दाग दिए, जबकि भारतीय टीम को पहला गोल मिला.
मैच के 21वें मिनट में जर्मनी ने अपनी बढ़त दोगुनी की. लगातार हो रहे जर्मन अटैक से भारतीय गोल के पास अफरा-तफरी मची और इसका फायदा उठाते हुए फिलिप होल्जमुलर ने गेंद को गोल में डाल दिया.
अगले 4 मिनट के अंदर फिर गोल बरस पड़े. 24वें मिनट में जर्मनी के लिए हान्ज मुलर ने तीसरा गोल कर भारत की मुश्किलें बढ़ा दीं, लेकिन भारत ने तुरंत ही जवाब दिया और 25वें मिनट में अपना पहला गोल किया. जर्मन ‘डी’ में भारतीय खिलाड़ी के रिवर्स हिट पर मिले क्रॉस पर उत्तम सिंह ने अपनी स्टिक अड़ाकर गोल में बदल दिया.
जर्मनी ने भी तुरंत वापसी की और 25वें मिनट में ही उन्हें पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे क्रिस्टोफर कटर ने गोल में डालने में कोई गलती नहीं की और बढ़त को 4-1 कर दिया.
तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर हुई और ज्यादा मौके नहीं बन सके. हालांकि, जो मौके बने भी, वे गोल में नहीं बदल सके. भारत को इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में गोल का बेहतरीन अवसर मिला, लेकिन मंजीत अपने शॉट को गेंद से कनेक्ट नहीं कर सके और स्कोर जर्मनी के पक्ष में 4-1 रहा.
आखिरी क्वार्टर में भारत ने वापसी की भरसक कोशिश की लेकिन जर्मनी ने सफल नहीं होने दिया. हालांकि, मैच के आखिरी मिनट में बॉबी सिंह धामी ने गोल कर सिर्फ हार के अंतर को कम किया.