दिल्ली।
ग्रीन वर्ल्ड डे 10 अक्टूबर को हर वर्ष मनाया जाता है । ग्रीन वर्ल्ड डे देशभर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया,जूडिशियल काउंसिल संस्था के विभिन्न पदाधिकारियों ने आम जनता के साथ मिलकर देश के विभिन्न हिस्सों में वृक्षारोपण किया । राजधानी दिल्ली में बरगद, जामुन, नीम, आम, शहतूत करी पत्ता व लीची के पेड़ लगाये गए। मानवाधिकारों के संरक्षण तथा उनके हित में लगातार कार्यरत जूडिशियल कॉउन्सिल के डायरेक्टर जनरल राजीव अग्निहोत्री ने बताया- “इस वर्ष के थीम- सेव ट्रीज प्लांट ट्रीज अर्थात पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ को अमल में लाने की आवश्यकता है” ग्रीन वर्ल्ड डे की पूर्व, संध्या पर सीनियर एडवोकेट प्रेम प्रकाश वशिष्ठ, मुख्य अतिथि ने जामुन का पेड़ लगाया तथा कहा- “जिस तरह आज बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हुआ है हम सभी की जिम्मेदारी बनती है इसको सुरक्षित भी रखें”

अधिवक्ता वेद प्रकाश ने पपीते का पेड़ लगाते हुए बताया, “पपीते के पत्ते डेंगू जैसी बीमारियों में लाभदायी हैं इनको ज्यादा से लगाया जाये तो आम नागरिकों को लाभ होगा”. इस अवसर पर आर.ए.नय्यर, श्री आर्य मुनि को सामाजिक सेवा हेतु सम्मानित किया गया एवं डॉ. एस.एल. सागर को एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया। श्री अग्निहोत्री ने बताया- “रोहिणी दिल्ली के रहने वाले डॉ. सागर ने पार्क को राजनीतिक नेता के कब्जे से छुड़ाया, तब उनके ऊपर दबाव भी बनाया गया लेकिन किसी भी दबाव की परवाह ना कर उन्होंने पर्यावरण के प्रति सच्ची निष्ठा एवं जुझारूपन दिखाया जो हम सबके लिए एक प्रेरणा है, एक सबक है।”

डॉ सागर ने जामुन तथा करी पत्ता के पेड़ भारी मात्रा में लगाए तथा कहा, “जंगलों तथा वृक्षों को कटने से बचाना होगा जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी सरकार को इस तरफ ठोस कदम उठाने होंगे लगातार पेड़ो की कम होती संख्या भी गहन चिंता का विषय है जिस तरह का मंजर है सरकार को अपनी नीतियों पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए।”

श्री अग्निहोत्री के अनुसार- “जिस तेजी से वन कम हो रहे हैं वह दिन दूर नहीं जब हमें ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर निकलना होगा” उन्होंने बताया घटते पेड़ों के आंकड़े डराने वाले हैं। ग्लोबल वार्मिंग जटिल समस्या है, लिहाजा इसे एक वैज्ञानिक परिभाषा मानकर छोड़ दिया जाता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक समाधानों के लिए अमेजन वर्षावन की रक्षा करना आवश्यक है। अमेजन जंगल की कटाई की दर तीन गुना हो गई है जो भयावह है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को लिखे अपने अर्द्ध राजकीय पत्र में उनसे कहा कि अमेजन जंगल को कटने से बचाना उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या देकर जायेंगे यह जरूर सोचा जाये। साथ ही यह भी लिखा ग्रीन वर्ल्ड डे के दिन विशेष वृक्षारोपण अभियान चलाया जाये ज्यादातर लोगों को लगता है कि फिलहाल संसार को इससे कोई खतरा नहीं है। आसान शब्दों में समझें तो ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है ‘पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन’ पृथ्वी के तापमान में हो रही इस वृद्धि के परिणाम स्वरूप बारिश के तरीकों में बदलाव, हिमखण्डों और ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और वनस्पति तथा जन्तु जगत पर प्रभावों के रूप के सामने आ सकते हैं। यह बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है आर्कटिक तीन गुना गर्म हो रहा है इनपे नियंत्रण पाया जा सकता है यदि हम सब इसको कम करने का प्रण लें ।

श्रीमती नीलम खुराना ने बरगद , आम, जामुन, लीची आदि पेड़ लगाते हुए कहा- “ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे को दर्शाने वाले साक्ष्य पहले से तकरीबन दोगुने हो चुके हैं ‘ आधुनीकरण के नाम पर पेड़ों का काटा जाना बहुत ही दु:खद है। इसका पर्यावरण पर जो असर हो रहा है, उससे हम सभी को अभी से चेतना होगा , धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है और यदि इसे रोका नहीं गया तो जलवायु परिवर्तन से प्राकृतिक आपदायें आना निश्चित है और संकट से उबरना कठिन हो जाएगा। श्री अग्निहोत्री ने बताया एनवायर्नमेंटल जुरीसप्रूडेंस बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।
कुछ दिनों में जूडिशियल कॉउन्सिल एनवायर्नमेंटल जुरीसप्रूडेंस को पढ़ाने के लिए स्कूलों में वालंटियर्स भेजेगा । अगर हमें पर्यावरण बचाना है तो विषय को अच्छे से समझना होगा और बच्चों में इसके लिये अलख जगानी होगी ।

उन्होंने बताया जूडिशियल कॉउन्सिल शीघ्र अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार का लोकार्पण करेगा, तत्पश्चात कुछ महीनों में नामांकन आमंत्रित किए जाएंगे पर्यावरण क्षेत्र में सबसे ज्यादा श्रेणी होंगी।