तौक़ीर सिद्दीक़ी


अपने देश के लिए टेस्ट मैच खेलना अपने आप में एक उपलब्धि है, लेकिन अगर आप उस मैच में शतक बना दें तो यह सोने पे सुहागा समान होता है । श्रेयस अय्यर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और इसे यादगार बना दिया। उन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों में शानदार शतक बनाया।

श्रेयस ने 157 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और भारत को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। घरेलू सर्किट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद अय्यर को टेस्ट टीम में मौका मिला। श्रेयस टेस्ट डेब्यू पर शतक लगाने वाले 16वें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। कानपुर टेस्ट से पहले सुनील गावस्कर ने उन्हें डेब्यू कैप से नवाजा था।

लाला अमरनाथ टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 1933 में बॉम्बे जिमखाना ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ 118 रन बनाए। द ग्रेट गुंडप्पा विश्वनाथ ने 1969 में शक्तिशाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाया था।

सौरव गांगुली इस सूची में एक और बड़ा नाम है, उन्होंने क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में डेब्यू शतक बनाया। 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ दादा का डेब्यू शतक सबसे यादगार लम्हों में से एक है। आधुनिक युग में काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में 187 रन बनाए जो अबतक डेब्यू टेस्ट में किसी भी भारतीय का सबसे बड़ा स्कोर भी है, जबकि सुरेश रैना ने अपने पहले टेस्ट में श्री लंका के खिलाफ कोलंबो में 120 रन बनाए।

रोहित शर्मा और पृथ्वी शॉ ने भी यह उपलब्धि हासिल की है। रोहित ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 127 रन बनाए, जबकि पृथ्वी शॉ ने भी कैरेबियाई टीम के खिलाफ अपना पहला शतक बनाया था । श्रेयस अय्यर अब इस सूची में नया नाम है।

रिकॉर्ड की बात करें तो श्रेयस अय्यर न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू करते हुए शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं. उनसे पहले यह सम्मान लाला मरनाथ के बेटे सुरिंदर अमरनाथ ने 1976 और एजी कृपाल सिंह ने 1955 में हासिल किया था .

आइये हम आपको पहले टेस्ट में शतक जमाने वाले सभी भारतीय क्रिकेटरों के नाम बताते हैं

लाला अमरनाथ ने इंग्लैंड के खिलाफ 1933 में इस सफर को शुरू किया था, अगली बार यह कारनामा 1952 में दीपक शोधन पाकिस्तान के खिलाफ किया.

अर्जन कृपाल सिंह ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1955 में, अब्बास अली बेग ने इंग्लैंड के विरुद्ध 1959 में, हनुमंत सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ 1964, क्लासिकल गुंडप्पा विश्वनाथ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1969 में डेब्यू सेंचुरी स्कोर की.

इसके बाद सुरिंदर अमरनाथ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1976 में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने इंग्लैंड के खिलाफ 1984 में, प्रवीण आमरे ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 1992 में, दादा सौरव गांगुली इंग्लैंड के खिलाफ 1996 में, फिर वीरेंद्र सहवाग ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 2001, सुरेश रैना ने श्रीलंका के खिलाफ 2010, शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013, रोहित शर्मा ने वेस्टइंडीज के विरुद्ध 2013 में और पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2018 में यह कारनामा अंजाम दिया

अब श्रेयस अय्यर ने सिलसिले को आगे बढ़ाया है और उम्मीद है इसमें और बल्लेबाज़ों के नामों के जुड़ने का सिलसिला ऐसे है जारी रहेगा।