क्या हकीकत में बीजेपी मेें सब ठीक है?
मो. आरिफ़ नगरामी
बीजेपी के चोटी के ओहदेदारान और उसकी नजरियासाज़ तन्जीम आरएसएस के लीडर अपने बयानात मेें यह पैगाम देने की कोशिश कर रहे है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी मेें सब कुछ ठीक ठाक है। मजकूरा बाला लीडरान के यह बेयानात भी अखबारात की जीनत बन रहे है कि उत्तर प्रदेश असेम्बली का एलेक्शन वजीरे आला योगी आदित्यनाथ की केयादत और उनके चेहरे पर ही लडा जायेगा। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के नायब वजीरे आला केशव प्रसाद मौर्या, और स्वामी प्रसाद मौर्या से इस तरह के भी बयानात दिलवाये जा रहे है कि एलेक्शन किसकी केयादत और किसको चेहरा बनाकर लडा जायेगा? इसका फैसला सिर्फ ओर सिर्फ बीजेपी आला कमान मोदी अमित शाह ही कर सकते है। इन बयानात के दरमियान प्रदेश बीजेूपी के नायब सदर, और वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी मोहतमद खास अरविन्द कुमार शर्मा, का बयान आता है कि एलेक्शन तो योगी आदित्य नाथ के ही केयादत में लडा जायेगा। मगर उत्तर प्रदेश एलेक्शन में जबर्दस्त जीत के लिये वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी जी बहुत काफी है। वाजे रहे कि 2017 मेें उत्तर प्रदेश असेम्बली का चुनाव सिर्फ और सिर्फ मोदी जी के चेहरे और उनके नाम पर लडा गया था जिसमेें बीजेूपी को शानदार जीत हासिल हुयी थीं। उस वक्त उत्तर प्रदेश बीजेपी के सदर, केशव प्रसाद मौर्या ने एलेक्शन में जीत हासिल करने के लिये जबर्दस्त कोशिश की थी। और ओबीसी के तकरीबन 41 फीसद वोट को बीजूेपी को दिलवाने मेें कामयाब हो गये थे। इस वक्त मौजूदा वजीरे आला, योगी आदित्य नाथ ने एलेक्शन में कोई खास किरदार अदा नहीं किया था। सिर्फ एक स्टार प्रचारक के तौर पर उन्होंने अपना काम किया था। एलेक्शन में जबर्दस्त कामयाबी के बाद सबको यकीन था कि केशव प्रसाद मौर्या ही उत्तर प्रदेश के अगले वजीरे आला होंगें। मगर अचानक मोदी और अमित शाह ने यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में थमा दी। उस वक्त से योगी जी और केशव प्रसाद मौर्या के दरमियान छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है। उत्तर प्रदेश मेें आइन्दा आठ महीनों में एलेक्शन का इन्एकाद होना है। बीजेपी बंगाल का चुनाव हारने के बाद बहुत सम्भल सम्भल कर उत्तर प्रदेश में अपने कदम आगे बढा रही है। बीजेपी में ंदाखिली इन्तेशार और उठा पठख के दरमियान कल वजीरे आला योगी आदित्य नाथ एक खास मन्सूबे के तहेत केशव प्रसाद मौर्या के घर पहंुंच गये। योगी जी के साथ आरएसएस की पूरी टीम और नायब वजीरे आला दिनेश शर्मा भी केशव प्रसाद मौर्या के घर पहुंच कर लंच किया। वहीं मोदी और शाह की जोडी ने वजीरे आला पर दबाव बरकरार रखने के लिये कई नई चाल चली है। उन्हेांने बीजेपी कारकुनान से बराहे रास्त राब्ता करके फीड बैक लेने का फैसला किया है जिसके लिये फिहरिस्त तैयार करने की जिम्मेदारी यूपी बीजेपी के नायब सदर, ए0के0 शर्मा को सौंपी गयी है।
कल केशव प्रसाद मौर्या के घर पर जो मुलाकात हुयी उसको काफी अहमियत दी जा रही है। क्योंकि इस मुलाकात में आर0एस0एस0 के नम्बर 2 और नमबर 03 माने जाने वाले तासुरिया होसबू और कृष्ण गोपाल के अलावा आर0एस0एस0 के अलावा रीजनल प्रचारक अनिल सिंह भी मौजूद थे। योगी जी के वजीरे आला के ओहदे पर फाएज होने के दिन से केशव प्रसाद मौर्या से उनके तअल्लुकात बिल्कुल ठीक और खुशगवार है। दोनों के दरमियान साढ चार साल में कई बार बराहरास्त टकराव की नौबत रही ताहम आला ओहदे के सबब योगी जी हमेशा फौकियत हासिल करते रहे। ओर अब जब कि कोरोना वायरस और पंचायत एलेक्शन के बाद वजीरे आला योगी आदित्य नाथ बैक फुट पर हैं तो केशव प्रसाद मौर्या ने योगी जी पर हमले तेज कर दिये है। उन्होंने पार्टी के कौमी जनरल के सेक्रेट्री, बी0एल0 संतोष और यूपी इन्चार्ज राधा मोहन सिंह से खुल कर योगीजी की शिकायत की है। और वह बार बार यही कह रहे हैं कि वह 2022 के एलेक्शन के बाद बीजेपी का एक्तेदार में रहना तो तय है मगर अगले वजीरे आला का फैसला देहली हाई कमान करेगा। यानी कि योगी जी कुर्सी यकीनी नहंी है। मौर्या जी के इन बयानात ने पार्टी हाई कमान और आर0एस0एस0 को चैकन्ना कर दिया है। जिन्होंने अब दोनों लीडरों के दरमियान सुलह कराने की कोशिशें तेज कर दी है। और यह सुलह उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिये बहुत जरूरी भी है। क्योंकि बीजेपी और आर0एस0एस0 ने जो अन्दूरूनी सर्वे कराया है उससे बीजेपी और आर0एस0एस0 में खलबली मच गयी है। सर्वे के नतीजे में बीजेपी को 100 से ज्यादा सीटें मिली नहंी दिखाई पड रही है। वहीं दूसरी तरफ भले ही यह महसूस हो रहा है कि उत्तर प्रदेश के वजीरे आला योगी आदित्य नाथ वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी पर भारी पड गये हैं। मगर मोदी और शाह की जोडी भी खामोश रहेगी ऐसा हरगिज नहंी है। योगी जी पर दबाव बनाने के लिये अमित शाह ओर नरेन्द्र मोदी ने ए0के0 शर्मा को 900 कारकुनान की एक फिहरिस्त तैयार करने को कहा जिनसे मोदी जी ओर अमित शाह पर बराहे रास्त गुफतुगू करके फीड बैक लेंगें।
हालांकि अभी तक बीजेपी के बयानात के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सब कुछ ठीक था। खुद वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी ने कई बार अपनी तकरीरों में योगी जी के कामों की तारीफ की है। और गोदी मीडिया के कई न्यूज चैनलों मेें तो योगी जी को मुल्क का सबसे बेहतरीन वजीरे आला के खिताब से भी नवाज दिया है। मगर अचानक देहली और लखनऊ के दरमियान तअल्लुकात क्यों खराब हो गये? हुआ यह कि वजीरे आजम के मुअतमद खास साबिक आई.ए.एस. अफसर ए.के. शर्मा को मोदी जी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद का मेम्बर इस लिये बनवाया था कि उनको मुसतबबिल में यूपी का नायब वजीरे आला बनाया जा सके। मगर योगी जी ने शर्मा को नायब वजीरे आला बनाने को तो छोडिये उनको अपनी वेजारत में भी लेने से इन्कार कर दिया। वजीरे आजम की हुक्मउदूली वजीरे आला योगी आदित्य नाथ के लि सख्त आजमाईश बन गयी है। कहा जाने लगा कि कोरोना काल में योगी जी ने तसल्लीबख्श इन्तेजामात नहीं किये।जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में हजारों लोगों ने सडको पर दम तोड दिया। गंगा में तैरती हुयी लाशों को पूरी दुनिया में मुल्क की बेइज्जती हुयी। इसके अलावा पंचायती चुनाव में शिकश्त का ठीकरा भी योगी जी के सर मढ दिया गया। और यह साबित करने की कोशिश की जाने लगीं कि योगी आदित्य नाथ एक नाकाम वजीरे आला है। क्या बीजेपी की आला केयादत यह बता सकती है कि मगरिबी बंगाल मेें जिल्लतआमेज शिकश्त का जिम्मेदार कौन है? जब कि मगरिबी बंगाल में वजीरे आजम और वजीरे दाखला समेत दर्जनों मरकजी वेजरा मुखतलिफ सूबों के वजराये आला ने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद कोरोना काल मेें जो पौने चार लाख अफराद मर गये उसके जिम्मेदार कौन हैं? इसकी भी जिम्मेदारी किसी को लेना चाहिये और उसके खिलाफ मोहिम चलानी चाहिये।
जो भी हो उत्तर प्रदेश बीजेपी में हालात बिल्कुल ठीक नहंी हैं । जहां तक वजीरे आला योगी आदित्य नाथ का स्वाल है वह किसी के दबाव में आकर कोई काम नहीं करते है। अगर वह दबाव में आते तो वह ए.के. शर्मा को नायब वजीरे आला बनाने पर तैयार हो जाते जिसकी केयासआराईयां कई महीनों से हो रही थीं। ए0के0 शर्मा के लिये न तो वजीरे आला की रिहाईशगाह के बगल वाला बंगला एलाट हुआ और न ही सरकार में कोई ओहदा मिला। ऐसे मेें बिल्कुल साफ हो जाता है कि योगी जी किसी के दबाव में नजर नहंी आ रहे है। इस वक्त बीजेपी की परेशानियों उरूज पर है। उन परेशानियों के दरमियान बीजेपी अपना पुराना हरबा हिन्दुत्व इस्तेमाल करने में लग गयी है। हिन्दुओं में एक पैगाम देकर उनकी सहानुभूति हासिल रने की कोशिश की जा रही है। पैगाम यह दिया जा रहा है कि हिन्दू समाज खतरे में है। इसलिये बीजेूपी को वोट देकर हिन्दू समाज को महफूज हाथों में दो। सोचने की बात है कि मुगलों के सैंकडों साल के दौरे हुकूमत में या फिर अं्रगेजों की 200 साला गुलामी के दौर में हिन्दू मजहब को कभी खतरा लाहक नहंी हुआ तो 2014 के बाद से यह खतरा कैसे पैदा हो गया। जो भी हो एलेक्शन तक आपको मुसलमानों के खिलाफ इस तरह के बेइन्तेहा नारे सुनने को मिलेंगें और बहुत कुछ होगा। क्योंकि बीजेपी ईमानदारी के साथ उत्तर प्रदेश का चुनाव नहंी जीत सकती है तो इसलिये इसी तरह के हरबे इस्तेमाल किये जायेंगेें।