आईपीएस अधिकारियों की केंद्र में प्रतिनियुक्ति के मामले ने पकड़ा तूल, ममता बोली- यह अस्वीकार्य है
नयी दिल्ली: तीन आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का मामला केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार के बीच तूल पकड़ता जा रहा है| बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार ने नया पत्र जारी कर पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करे। वहीँ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कदम को “असंवैधानिक तथा अस्वीकार्य” करार दिया।
राज्य की प्रणाली पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण का प्रयास
बनर्जी ने यह भी कहा कि वह राज्य की प्रणाली पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण की अनुमति नहीं देंगी। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संबंधित आईपीएस अधिकारियों को कार्यमुक्त न करने की बात कहे जाने के पांच दिन बाद केंद्र ने आज नया पत्र जारी किया और राज्य सरकार से इन अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा जिससे कि वे अपनी नई जिम्मेदारियां संभाल सकें।
गृह मंत्रालय ने बताये नियम
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आईपीएस काडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा। गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्यमुक्त किया जाना चाहिए।
मामला जे पी नड्डा पर कथित हमले से जुड़ा
तीन अधिकारी–भोलानाथ पांडे (पुलिस अधीक्षक, डायमंड हार्बर), प्रवीण त्रिपाठी (डीआईजी प्रेसिडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (एडीजी दक्षिण बंगाल)– भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की राज्य की नौ और 10 दिसंबर को हुई पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। डायमंड हार्बर में नड्डा के काफिले पर पिछले हफ्ते हमले के संदर्भ में ड्यूटी में कथित लापरवाही को लेकर केंद्र ने तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने का निर्देश दिया था।
ममता ने बताया असंवैधानिक
नाराज बनर्जी ने कहा, “यह कदम, खासकर चुनाव से पहले संघीय ढांचे के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यह पूरी तरह असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है।” मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “राज्य (पश्चिम बंगाल सरकार) की आपत्ति के बावजूद भारत (केंद्र) सरकार का पश्चिम बंगाल में सेवारत तीन आईपीएस अधिकारियों को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने संबंधी आदेश आईपीएस काडर कानून 1954 के आपातकालीन प्रावधानों और शक्ति का दुरुपयोग है।”
नहीं झुकेगी राज्य सरकार
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हम केंद्र को राज्य प्रणाली पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण की अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के आगे नहीं झुकेगा।”