IPL: डैडीज़ आर्मी ने लॉक की प्ले ऑफ की सीट, SRH फिर हार के ट्रैक पर
अदनान
आईपीएल के दूसरे चरण में आज डैडीज़ आर्मी (CSK) फिर अपना जलवा दिखाया और SRH को हराकर प्ले ऑफ के लिए अपनी सीट को लॉक कर दिया।
डैडीज़ आर्मी ने हैदराबाद को चार विकेट से हरा दिया. इस मुकाबले में उस वक्त “पुराने धोनी” के उस वक्त दीदार हुए जब उन्होंने छक्का लगाकर जीत का लक्ष्य पूरा किया।
चेन्नई पहले से ही पॉइंट्स टेबल में पहले से ही नंबर वन था, लेकिन इस जीत के साथ उसके 18 प्वाइंट्स हो गए हैं और यहां से अगर दिल्ली को नंबर वन बनना है, तो उसे अगले मैच में विकेट या रनों के लिहाज से बड़ी जीत दर्ज करनी होगी.
आसान पिच पर हैदराबाद से जीत के लिए मिले आसान 135 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई के ओपनरों ऋतुराज गायकवाड़ (45) और फैफ डु प्लेसी (41) ने चेन्नई को 75 रन जोड़कर साफ कर दिया कि मैच में क्या होने जा रहा है, लेकिन ओपनरों के आउट होने और फिर होल्डर के एक ही ओवर में दो विकेट लेने से मुकाबला फंसता हुआ दिखायी पड़ा. इन विकेटों का असर यह रहा कि जहां चेन्नई को काफी पहले मैच जीत लेना चाहिए था, तो उसने फैंस को तनाव देने के साथ ही यह जीत 19.4 ओवरों में हासिल की. एक समय जरूरी रनों और गेंदों के बीच का अंतर करीब आठ गेंद ज्यादा हो चला था, लेकिन यहां से अंबाती रायुडु (नाबाद 17) और एमएस धोनी (नाबाद 14) ने चेन्नई को जीत दिलाकर प्वाइंट्स टेबल में अपनी टीम को और मजबूत कर दिया. इस जीत के सात ही चेन्नई प्ले-ऑफ राउंड में पहुंचने वाली पहली टीम बन गयी है.
शुरुआती सेशन में हैदराबाद ने चेन्नई सुपर किंग्स के सामने जीत के लिए 135 रनों का लक्ष्य रखा. बल्लेबाजी के लिए एक आसान पिच पर हैदराबाद बहुत ही पीछे खड़ा दिखायी पड़ रहा है और अगर यहां तक भी वह पहुंचा, तो इसके पीछे ऋद्धिमान साहा (44 रन) का आगे रहकर बैटिंग करना रहा. साहा के अलावा सनराइजर्स को अभिषेक शर्मा (18) और अब्दुल समाद (18) से उपयोगी मदद मिली. इसका असर यह रहा कि सनराइजर्स कोटे के 20 ओवरों में 7 विकेट पर 134 रन तक पहुंचने में सफल रहे, लेकिन मुकाबले को अपनी झोली में डालने के लिए राशिद एंड कंपनी को बहुत ही अथक प्रयास करना होगा. चेन्नई के लिए हैजलवुड ने पिच के लिहाज से टॉप क्लास गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट लिए, तो अभी तक सभी को प्रभावित करते आ रहे ड्वेन ब्रावो ने फिर से उम्दा बॉलिंग करते हुए दो विकेट लिए.
विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के कुछ बेहतरीन शॉटों ने दिखाया कि पिच में गेंदबाजों के लिए ज्यादा खास नहीं था. जब शुरुआती दो ओवर के बाद हैदराबाद का स्कोर ही पांच रन बना, तो साहा ने चाहर के तीसरे ओवर में हाथ खेले. एक पुल से छक्का जड़ा, तो एक सामने सिर के ऊपर से ऐसा छक्का कि दिल बाग-बाग हो गया, लेकिन दूसरे छोर पर जेसन रॉय के हाथ बंधे के बंधे ही रहे. राय के बाद साहा और कप्तान विलियमसन ने इक्का-दुक्के चौके लिए जरूर, लेकिन वैसी बात शुरुआती छह ओवरों में नहीं दिखी, जैसी साहा के छक्कों को देखते हुए दिखनी चाहिए थी. और हैदराबाद इन ओवरों में 1 विकेट पर 41 रन ही बना सका. इस समय साहा के 20 गेंदों पर 24 रन थे, तो विलियमसन के 9 पर 11 रन. मतलब पावर-प्ले में तो चेन्नई के बॉलरों ने लगाम कस ही दी.