अवैधानिक वसूली नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाज़ा खटखटाएगा IPF
लखनऊ: ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (IPF) योगी सरकार द्वारा लखनऊ हिंसा मामले में जारी की गई तहसीलदार अवैधानिक वसूली नोटिस को रद्द कराने के लिए कल हाईकोर्ट लखनऊ खण्डपीठ में याचिका दाखिल करेगा. हाईकोर्ट से इस याचिका में मांग की जाएगी तहसीलदार सदर द्वारा जारी इस अवैधानिक वसूली नोटिस को रद्द किया जाए और इसे जारी करने वाले व इसके जरिए जिन अधिकारियों ने उत्पीड़न किया है उन्हें दंडित किया जाए. यह बयान कल आज प्रेस को जारी करते हुए ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एसआर दारापुरी (S R Darapuri) ने दिया.
उन्होंने कहा कि खुद एक जिम्मेदार अधिकारी रहने और हर कार्यवाही में प्रशासन की मदद करने के बावजूद एसडीएम सदर द्वारा मेरे धर पर दबिश देना और घर वालों को आतंकित करना दुर्भाग्यपूर्ण है और महज लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने के लिए की गयी योगी सरकार की राजनीतिक बदले की भावना से की गयी कार्रवाई है. जबकि तहसीलदार सदर द्वारा जारी नोटिस खुद ही उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 का उल्लंघन करते हुए दी गई है. इस वसूली नोटिस में नियम 143 (3) का हवाला दिया गया है वह नियमावली में है ही नहीं. यही नहीं प्रपत्र 36 में दी गयी नोटिस का नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि बकायेदारों को पंद्रह दिन की समयावधि दी जाएगी जिसे तहसीलदार सदर द्वारा मनमाने ढंग से सात दिन कर दिया गया. इस नोटिस के तामिला के लिए पूरे लखनऊ में आतंक का राज कायम कर दिया गया, लोगों के घरों पर दबिश दी गई, विधि विरुद्ध गिरफ्तारी की गई और कुर्की की कार्यवाही की गई.
इस राजनीतिक उत्पीड़न की कार्रवाई के खिलाफ कल ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (IPF) हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर करेगा और न्यायालय से इस नोटिस को कूटरचित को जारी करने वाले अधिकारी व इस नोटिस के आधार पर उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों को दंडित करने और नोटिस को रद्द करने की मांग याचिका में की जाएगी.