उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश की निगरानी में हो हाथरस काण्ड की जांच: अजय कुमार लल्लू
लखनऊ: कांग्रेस ने हाथरस मामले की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हाथरस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश को गुमराह करने के साथ-साथ लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैनपुरी की नवोदय विद्यालय की छात्रा का मामला हो, कानपुर में संजीत यादव की हत्या हो या यूपीएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराये जाने की सिफारिश हो, यह सभी जांचें अभी तक केन्द्र में लम्बित हैं। ऐसे में क्या गारंटी है कि सीबीआई हाथरस मामले की जांच अपने हाथ में लेगी।
लल्लू ने आरोप लगाया कि हाथरस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम में दागी अधिकारी शामिल हैं जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं। ऐसे में उनकी जांच पर कोई विश्वास नहीं करेगा। इसलिए उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश की देखरेख में मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस उनके द्वारा उठाये गये पांचों सवालों पर पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जब पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने गये तो उन्होने पांच मांगें रखीं थीं। परिजन की मुख्य मांग है कि इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाए, हाथरस के जिला अधिकारी को बर्खास्त किया जाए, प्रशासन इस बात का जवाब दे कि परिवार की मर्जी के बगैर उनकी बेटी का शव रात में क्यों जला दिया गया, पीड़ित परिवार को क्यों डराया धमकाया जा रहा है और इस बात का क्या सबूत है कि जो शव जलाया गया वह उनकी बेटी का ही है।
आराधना ने कहा कि इन पांचों सवालों का जवाब प्रदेश के मुख्यमंत्री को देना ही होगा। इस बीच, कांग्रेस ने हाथरस मामले को लेकर रविवार को भी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए राजधानी लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जीपीओ पार्क पर प्रदर्शन किया और पुलिस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर इको गार्डन ले गई।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सोनभद्र, आजमगढ़, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, , हरदोई, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, कुशीनगर, फैजाबाद, देवरिया, अम्बेडकरनगर और वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किया गया।