मस्जिदे अक़्सा का अपमान स्वीकार नहीं: मौलाना कल्बे जवाद
लखनऊ
इज़राइली फौज द्वारा फिलिस्तीनियों पर हो रहे निरंतर अत्याचार और मस्जिदे अक़्सा के अपमान की निंदा करते हुए मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि फिलिस्तीनियों पर इज़राइली अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी बेहद दुखद है। मौलाना ने कहा कि ज़ालिम का अंजाम हमेशा बुरा होता है, यह बात हर ज़ालिम को याद रखनी चाहिए। वह दिन दूर नहीं जब इज़राइली सरकार नष्ट हो जाएगी, जिसका संकेत इज़राइल में जारी राजनीतिक संकट से मिलता है।
मजलिसे उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने इज़राइली अत्याचार की निंदा करते हुए कहा कि इज़राइल लगातार फिलीस्तीनियों पर अत्याचार कर रहा है, लेकिन तथाकथित शांतिप्रिय संगठन खामोश हैं। पिछले कुछ महीनों से इस अत्याचार और बर्बरता में इज़ाफ़ा हुआ हैं। इज़राइल अपनी ग़ासिबाना भौगोलिक सीमाओं का विस्तार करता जा रहा हैं, जिसका वैश्विक स्तर पर विरोध होना चाहिए। मौलाना ने कहा कि जिस तरह रमज़ान के महीने में इज़राइली सेना मस्जिदे अक़्सा में घुसकर रोज़ेदार फिलिस्तीनियों पर बर्बरता कर रही है वह निंदनीय है। मस्जिदे अक़्सा का लगातार अपमान किया जा रहा है जिसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मौलाना ने कहा कि अगर मुस्लिम दुनिया खासकर अरब देश एकता दिखाते तो अब तक इज़राइल की हैसियत ख़त्म हो जाती। लेकिन अफ़सोस मुस्लिम दुनिया मसला-ए-फिलिस्तीन और अल-कुद्स की पुनः वापसी से बेख़बर रही है, जिसका लाभ औपनिवेशिक शक्तियों को पहुंच रहा है।
मौलाना ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से फिलीस्तीन के मुद्दे के समाधान के लिए ईमानदारी से काम करने की अपील करते हैं।
मौलाना ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि रमज़ान की दुआओं में भारत, फिलीस्तीन, यमन, सीरिया, इराक़ और दुनिया भर में मौजूद मजलूमों को न भूलें।