भारतीय-अमेरिकी समीर बनर्जी बने विंबलडन जूनियर चैम्पियन
अफ़्फ़ान
लंदनः समीर बनर्जी विंबलडन चैंपियनशिप के फाइनल में हमवतन विक्टर लिलोव को इतवार को एक घंटे 21 मिनट में 7-5, 6-3 से शिकस्त देकर ग्रैंड स्लैम लड़कों का एकल खिताब जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी खिलाड़ी बन गए हैं. इस जीत के साथ ही समीर ने खुद को रोजर फेडरर, स्टीफन एडबर्ग, गेल मोंफिल्स जैसे दिग्गजों के एलीट ग्रुप में शामिल कर लिया है. किसी जमाने में फेडरर, एडबर्ग, मोंफिल्स ने भी अपने करियर की शुरुआत विंबलडन का जूनियर टाइटल जीतकर की थी.
17 साल के समीर बनर्जी जूनियर फ्रेंच ओपन में पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गए थे, लेकिन विंबलडन में उन्होंने शानदार मुजाहिरा किया. उन्हें पहला सेट जीतने में जरूर जद्दोजहद करना पड़ा लेकिन दूसरे सेट में उन्होंने आसानी के साथ 6-3 से जीत हासिल की और खिताब पर कब्जा जमाया. समीर ने छह साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया था. समीर के माता-पिता 1980 के दशक में अमेरिका चले गए थे.
मैच के बाद समीर ने कहा कि यह गजब का अनुभव था. यह यकीनी तौर पर सबसे बड़ी भीड़ है जिसके सामने मैं खेला और मुझे लगता है कि मेरे पास ज्यादातर वकफे के लिए दर्शकों की हिमायत थी, इसलिए यह एक शानदार तजुर्बा. फिर उसके ऊपर जीतना कुछ ऐसा है जो मैं हमेशा याद रखूंगा. समीर ने भले ही दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट्स में से एक का खिताब जीता है, लेकिन इसके बावजूद वह अभी भी कॉलेज जाना चाहते हैं. समीर ने कहा, मुझे लगता है कि मेरे लिए कॉलेज एक अच्छी चरित्र-निर्माण की चीज होगी, क्योंकि मुझे यकीन नहीं है कि मैं अभी पूरी तरह से पेशेवर होने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं, इसलिए, मैं अभी भी शायद कॉलेज जाने वाला हूं.
युकी भांबरी ने साल 2009 में जूनियर एकल खिताब जीता था और वह जूनियर ग्रैंडस्लैम जीतने वाले आखिरी भारतीय थे. उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन में लड़कों का फाइनल जीता था. वहीं, हरियाणा के रहने वाले सुमित नागल ने 2015 में वियतनाम के ली होआंग नाम के साथ विंबलडन बॉयज डबल्स जीता था. इससे पहले रामनाथन कृष्णन 1954 में जूनियर विंबलडन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय थे. उनके बेटे रमेश कृष्णन ने 1970 जूनियर विंबलडन और जूनियर फ्रेंच ओपन खिताब जीता था. दिग्गज लिएंडर पेस ने 1990 में जूनियर विंबलडन और जूनियर यूएस ओपन का खिताब जीता था.