दिल्ली:
ईरान को 33-29 से हराकर भारत ने स्वर्ण पर कब्जा कर लिया। भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने एशियाई खेलों के बेहद तनावपूर्ण फाइनल में ईरान को हराकर जीत हासिल की। फ़ाइनल खराब अंपायरिंग और खराब कॉल के साथ-साथ रेड को लेकर विवाद हुआ। भारत विजयी टीम बनकर उभरा और स्वर्ण के लिए चार साल का इंतज़ार ख़त्म हुआ!

भारतीय महिला कबड्डी टीम ने रोमांचक मुकाबले में चीनी ताइपै को 26 . 25 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया और इसके साथ ही हांगझोउ एशियाई खेलों में भारत के सौ पदक पूरे हो गए। एशियाई खेलों में 2010 में कबड्डी को शामिल किये जाने के बाद महिला कबड्डी का यह तीसरा स्वर्ण पदक था। भारत ने 2010 और 2014 में स्वर्ण जीता था, लेकिन 2018 फाइनल में ईरान से हार गई।

इस बार भारत का सामना कबड्डी में उदीयमान टीम चीनी ताइपै से था जिसने उसे कड़ी चुनौती दी। दोनों टीमें ग्रुप चरण में 34 . 34 से बराबरी पर थी और दोनों को पता था कि फाइनल आसान नहीं होगा। भारत ने हाफटाइम तक 14 . 9 से बढ़त बना ली थी। पूजा ने कई अंक बनाये। ब्रेक के बाद भारत की बढत 16 . 14 रह गई।

पांच मिनट बाकी रहते स्कोर 19 . 17 था तब चीनी ताइपै ने एक वीडियो रेफरल लिया और कामयाब रही । इसके बाद चीनी ताइपै ने चार अंक बनाये और 21 . 19 की बढ़त बना ली। पूजा ने एक अंक लेकर अंतर 20 . 21 कर लिया।

इसके बाद कप्तान रितु नेगी ने रेड के लिये पुष्पा की बजाय पूजा को भेजा जिसने दो अंक बनाये। एक मिनट बाकी रहते रेडर पुष्पा ने एक अंक बनाया जिस पर चीनी ताइपै का रिव्यू नाकाम रहा । कप्तान रितु नेगी ने कहा ,‘‘ हमने 2018 में फाइनल हारने के बाद काफी मेहनत की। पांच साल तक इंतजार किया और कड़ी मेहनत रंग लाई।’