लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह का शुभारम्भ किया। अवध शिल्पग्राम में संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा जिला प्रशासन लखनऊ द्वारा यह समारोह आयोजित किया गया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विश्व में एक गौरवपूर्ण स्थान है। प्रदेश ने आजादी की लड़ाई अगली पंक्ति में रहकर लड़ी। यह सांस्कृतिक विरासत में विस्तृत और बहुआयामी प्रदेश है। उत्तर प्रदेश को देश की हृदयस्थली कहा जाता है। प्रदेश की विशेषता है कि यहां का प्रत्येक जनपद अपने किसी न किसी विशेष उत्पाद एवं शिल्प कला के लिए जाना जाता है। प्रदेश सरकार इसको प्रोत्साहित भी कर रही है। आज प्रदेश अपने प्राचीन गौरव को बनाये रखने के साथ विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है।

समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हमें लोकतंत्र की जननी कहे जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। महाभारत में उल्लेख है कि ‘दुर्लभं भारते जन्म मानुष्यं तत्र दुर्लभम्’। भारत में जन्म लेना कठिन है, वहीं मनुष्य के रूप में जन्म लेना और भी दुर्लभ है। उत्तर प्रदेश को भारत की आत्मा कहा जाता है। ऐसे राज्य में जन्म लेना सभी के लिए गौरव की बात होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। यह राज्य बाबा विश्वनाथ की भूमि, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण की पावन जन्मभूमि तथा लीलाभूमि, मां गंगा, यमुना, सरस्वती के पवित्र संगम प्रयागराज एवं तथागत गौतमबुद्ध की पावन भूमि का प्रदेश है। ऋषि-मुनियों तथा भारत की वैदिक परम्परा से लेकर देश की आजादी की लड़ाई में और आधुनिक भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करने वाला उत्तर प्रदेश आज अपना 74वां स्थापना दिवस का कार्यक्रम उत्साह व उमंग के साथ आयोजित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश के प्रथम स्वातंत्र्य समर का केन्द्र बिन्दु उत्तर प्रदेश बना था। बैरकपुर में मंगल पाण्डे द्वारा क्रान्ति का उद्घोष किया गया था, जिसे रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी में नए तेज के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया था। गोरखपुर में बंधूसिंह तथा मेरठ में धनसिंह कोतवाल के नेतृत्व में आजादी के आन्दोलन हुए थे। प्रदेश के सभी जनपद एवं कस्बे आजादी के आन्दोलन के साथ जुड़े थे। उत्तर प्रदेश की चैरी-चैरा तथा लखनऊ की काकोरी टेªन ऐक्शन की घटना आजादी की लड़ाई के गवाह हैं। प्रदेश अनगिनत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा बलिदानियों की भूमि है।