बैंक डूबा तो खाताधारकों को 90 दिन के भीतर मिलेगी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि
टीम इंस्टेंटख़बर
केंद्रीय कैबिनेट ने बैंक बंद होने की स्थिति में खाताधारकों को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये तक की अपनी राशि हासिल करने की सुरक्षा देने को लेकर डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी गई है. अब इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (amendment) बिल, 2021 को संसद के मॉनसून सत्र में रखा जाएगा. पास होने पर यह संशोधन एक्ट के रूप में पारित हो जाएगा.
इस एक्ट के तहत पहले जमाकर्ताओं के अधिकतम एक लाख रुपये तक के निवेश सुरक्षित रहते थे. इसी में बदलाव करते हुए इसे 5 लाख तक बढ़ाया गया है. इसके साथ ही खाताधारकों के पैसा रिटर्न होने की समयसीमा 90 दिन यानी 3 महीने निर्धारित की गई है. इस संशोधन से खाताधारकों और निवेशकों के इन्वेस्टमेंट को एक तरह से इंंश्योरेंस कवर मिलेगा.
DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन. यह रिजर्व बैंक के अधीन एक निगम है, जिसे निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) कहा जाता है. असल में यह भारतीय रिजर्व बैंक का सब्सिडियरी है और यह बैंक डिपॉजिट्स पर बीमा कवर उपलब्ध कराता है.
DICGC बैंकों में सेविंग, करंट, रेकरिंग अकाउंट या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आदि स्कीम्स में जमा 5 लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित करती है. अगर कोई बैंक डिफॉल्टर हो जाता है तो उसके हर डिपॉजिटर को मूल रकम और ब्याज मिलाकर अधिकतम 5 लाख रुपये तक की रकम DICGC अदा करवाएगा.